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एक आज्ञाकारी बहु -10

 अपडेट -10


सोमवार को बहूरानी जी का व्रत था, उस दिन उसने मुझे कहीं हाथ भी नहीं धरने दिया.

जैसे तैसे सोमवार की रात कटी.


अगले दिन मंगलवार को मैं उपवास करता था, कई वर्षों से करता चला आ रहा था. कई बार मन में आया कि ये मंगलवार का व्रत नहीं करते और बहू रानी की जवानी का भोग लगाते हैं.

अगले किसी दिन एक्स्ट्रा व्रत कर लेंगे इस मंगल के बदले.

लेकिन बहूरानी ने मंगल को भी मेरी दाल नहीं गलने दी, कहने लगी कि जब इतने सालों से व्रत रहते आये हो तो क्यों तोड़ते हो? मैं कोई भागी जा रहीं हूँ कहीं.

तो मंगल भी ऐसे ही खाली खाली चला गया. जैसे तैसे मंगल की रात भी काटी.


सुबह हुई तो बुधवार आ गया था. लगा कि जैसे कोई त्यौहार आ गया हो. मन में उल्लास, उमंग और उत्साह भर गया. बिस्तर में लेटा हुआ नींद की खुमारी दूर करने की कोशिश करने लगा.

सोकर उठो तो लंड महाराज तो सुबह सुबह रोज ही खड़े हुए मिलते हैं.

“सब्र करो बच्चू आज चूत मिलेगी तेरे को!” मैंने लंड को थपकी दे दे कर जैसे सांत्वना दी. 20231129-101001



फिर याद आया कि बहूरानी की झांटें भी शेव करनी हैं आज तो. कुल मिला कर दिन बढ़िया गुजरने वाला था.


वाशरूम से फ्रेश होकर निकला तो बहू रानी चाय लेकर आ रही थी, उसने चाय साइड टेबल पर रख दी.

“नमस्ते पापा जी!” बहूरानी हमेशा की तरह मेरे पैर छू आदर से बोली.

“आशीर्वाद अदिति बेटा, खुश रहो. सौभाग्यवती भव!” मैंने उसके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया.


“तू भी अपनी चाय यहीं ले आ न!” मैंने कहा.

“जी पापाजी, अभी लाई.”


वो चाय लेकर आई तो मैंने उसे अपने पास बिस्तर में दीवान पर बैठा लिया- बहूरानी, आज तो तेरी पिंकी का मुंडन संस्कार है न?

मैंने कहा.

“पिंकी… कौन पिंकी?” बहू रानी ने अचकचा कर पूछा.

“तेरी पिंकी. जो तेरी जांघों के बीच छुपी हुई है, उसका मुंडन है न आज!” मैंने कहा.


“हहहहहाआअहा… तो आपने इसका नाम पिंकी रख लिया अब!” बहू रानी खुल कर हंसती हुई बोली.

“पिंकी तो ऐसे ही कह दिया अब सुबह सुबह चूत शब्द बोलना अच्छा भी तो नहीं लगता न!” मैंने कहा.

“पापा जी, तो फिर पिंकी के मुंडन का निमंत्रण दे दें पूरे मोहल्ले में. मोहल्ले भर की लेडीज आ जायेंगी फंक्शन में, गाना बजाना भी हो जाएगा.” बहू रानी मजाक करते हुए बोली.

“हाँ हाँ, सबको बुला लो और मुंडन के बाद अपनी पिंकी की मुंह दिखाई भी करवा लो. तुझे भी गिफ्ट्स मिलेंगे और मुझे भी न्यौछावर मिलेगी आखिर नाई हूँ ना और हो सकता है मोहल्ले की लेडीज अपनी अपनी पिंकी का मुंडन करवाने मुझे ही बुला लें. कितना मज़ा आयेगा इसमें, सबकी पिंकी देखने और चोदने को मिलेगी.” मैंने कहा.

“रहने भी दो पापाजी, अब ज्यादा मत उड़ो. मैं किसी की भी नहीं देखने दूंगी आपको. आप सिर्फ और सिर्फ मेरे हो. समझ लो हाँ!” बहूरानी तुनक कर बोली.


“चल अब मजाक बहुत हो गया, ये बता कि तेरी झांटें कैसे बनानी हैं. रेज़र से या हेयर रेमूविंग क्रीम से?” मैंने पूछा.

“पापाजी, वो क्रीम एक बार यूज़ करके देखी थी. मेरे को तो सूट नहीं करती, मेरी स्किन काली पड़ जाती है उससे!”

“ठीक है, फिर रेजर से ही बना दूंगा. चल आजा रेज़र ब्लेड ले आ और लेट जा!”

“अभी सुबह सुबह नहीं. अभी काम वाली मेड आयेगी, उसके जाने के बाद करवाऊँगी. अभी तो आप अखबार पढ़ो आराम से!” बहूरानी बोली और न्यूज़ पेपर लाकर मुझे दे दिया.


कामवाली मेड अपने समय से आ गयी और अपने काम में लग गयी. मैं अखबार पढता रहा, इसी बीच मेरी दूसरी चाय भी हो गई.

मेड अपना काम निपटा के नौ बजे के पहले ही चली गयी. उसके जाते ही मैंने बहूरानी को बांहों में भर लिया और उठा कर बेडरूम में बेड पर लिटा दिया. फिर बहूरानी का नाईट गाउन, ब्रा पैंटी सब फ़टाफ़ट उतार कर उसे नंगी कर दिया images और मैं खुद भी नंगा होकर उसके बदन से लिपट गया. लगा जैसे खुशबूदार रेशम की गठरी को सीने से लगा लिया हो, कितना मज़ा आता है नंगी जवानी को बांहों में भरने से.

उसके जिस्म की गर्मी, सीने से चिपके उसके मम्में टांगों में लिपटीं वो गुदाज़ चिकनी टाँगें उफ्फ… ईश्वर ने कैसी प्यारी रचना रची ये.

“पापा जी सुबह सुबह नहीं, अभी मुझे नहाना है फिर पूजा करनी है. अभी नहीं, रात को दूंगी.”

“अरे मैं तेरी ले थोड़ी ही रहा हूँ. मैं बस ऐसे ही प्यार कर रहा हूँ तुझे!”

“आपका ऐसे ही मैं जानती हूँ कैसा होता है. मेरे कपड़े तो उतार ही दिए हैं आपने, वो भी कब घुसा दो कोई भरोसा है आपका?”

“अरे मैं कुछ नहीं करूंगा; अभी तो तेरी झांटें शेव करनी हैं न!”

“तो पहले अपनी चड्डी और लोअर पहन लो आप. सामने खुली हुई पड़ी देख कर आपका मन तो ललचा ही रहा है कब अचानक अपना झंडा गाड़ दो इसमें… कोई भरोसा नहीं आपका!”

ये देखो कैसे आपका टनटना रहा है, बहु ने मेरे लंड को हाथ से जकड़ लिया. 20231129-101029


बहू रानी की बात सुनकर मुझे हंसी आ गयी.

“अब आप हंसिये मत, प्लीज जाकर वाशरूम में शेविंग किट रखी है, लेकर आईये और अच्छे नाई की तरह अपना काम दिखाइये.”


चूत की झांटें शेव करना मेरा प्रिय काम है, इसे मैं बड़ी लगन से, प्यार से, आहिस्ता आहिस्ता करता हूँ क्योंकि चूत की स्किन ब्लेड के लिए बहुत ही कोमल और नाज़ुक होती है जरा सी असावधानी से चूत को कट लग सकता है; हालांकि चूत में लंड कैसा भी पेल दो उससे इसका कुछ नहीं बिगड़ता.


मैंने बहूरानी की कमर के नीचे तकिया लगा कर उस पर एक अखबार बिछा दिया ताकि तकिया गंदा न हो. images फिर मैंने बहूरानी के पैर मोड़ कर ऊपर कर दिए जिससे उनकी चूत अच्छे से उभर गई, मैं चूत को निहारने लगा. चूत का सौन्दर्य, इसका ऐश्वर्य मुझे आकर्षक लगता है.


बहूरानी की झांटों भरी चूत कोई चार पांच अंगुल लम्बी थी, चूत की फांकें खूब भरी भरी थीं, बीच की दरार खुली हुई थी इसके बीच चूत की नाक और नीचे लघु भगोष्ठों से घिरा प्रवेश द्वार जिसका आकार किसी गहरी नाव की तरह लगता था. 1666676816-1-titis-org-p-korean-hairy-pussy-pics-krasivaya-erotika-1

मैंने मुग्ध भाव से बहूरानी की चूत को निहारा और फिर चूम लिया और दरार में अपनी नाक रगड़ने लगा.


बहूरानी कसमसाई और उठ के बैठ गई- पापा जी, ये सब मत करो मुझे कुछ होने लगा है ऐसे करने से!

“क्या होने लगा है चूत में?”

“आप सब जानते हो. आप तो जल्दी से इसे चिकनी कर दो फिर मैं नहाने जाऊं!”


मैंने भी और कुछ करना उचित नहीं समझा और बहूरानी की चूत पर शेविंगक्रीम लगा कर ब्रश से झाग बनाने लगा. ब्रश को अच्छी तरह से गोल गोल घुमा घुमा के मैंने चूत के चारों ओर खूब सारा झाग बना दिया; 28370451 कुछ ही देर में झांटें एकदम सॉफ्ट हो गयीं. फिर मैंने रेज़र में नया ब्लेड लगा कर धीरे धीरे चूत को अच्छे से शेव कर दिय pussy-shaving-1 और टिशू पेपर से चूत अच्छे से पौंछ दी.


उसके बाद मैं बहूरानी की इजाजत से ही उनकी चूत के नजदीक से कई क्लोजप्स अपने मोबाइल से लिए, जैसे अलग अलग एंगल से, एक पोज में बहूरानी अपनी दो उँगलियों से अपनी चूत फैलाए हुए, दूसरे पोज में अपने दोनों हाथों से चूत को पूरी तरह से पसारे हुए इत्यादि; ताकि इन पलों की स्मृति हमेशा बनी रहे.


उनकी चूत के फोटो आज भी मेरे कंप्यूटर में कहीं पासवर्ड से सुरक्षित हैं और कभी कभी देख लेता हूँ इन्हें. अगर कोई और भी इन्हें देख भी ले तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि चूत का क्लोजप देख के कोई चूत वाली की पहचान कोई नहीं कर सकता.


फोटो सेशन के बाद मैंने बहूरानी को बैठा दिया और उनके हाथ ऊपर उठा कर कांख के बालों को भी सादा पानी से भिगो भिगो कर रेजर से शेव कर दिया.

फिर एक छोटा शीशा लाकर बहूरानी को उनकी चूत शीशे में दिखाई. अपनी सफाचट चिकनी चूत देखकर बहूरानी ने प्रसन्नता से चूत पर हाथ फिराया और खुश हो गई और अपनी झांटें अखबार में समेट कर डस्टबिन में डाल दीं और नहाने चली गई.


Contd....

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