मेरा नाम बलदेव है। मैं हिमाचल प्रदेश के एक छोटे-से गांव, कसोल, में रहता हूँ। उम्र मेरी 35 साल है, और मैं एक तंदुरुस्त पहाड़ी मर्द हूँ। मेहनत करना मेरी फितरत में है। मैं यहाँ एक छोटा-सा ढाबा चलाता हूँ, जो सैलानियों के बीच मशहूर है।
मेरा ढाबा कसोल के मुख्य रास्ते पर है, जहाँ से ट्रक ड्राइवर और सैलानी अक्सर गुजरते हैं। मेरा ढाबा छोटा है, लेकिन रात बिताने के लिए एक कमरा और गर्म खाना मिल जाता है, जो ठंडी रातों में लोगों के लिए जन्नत से कम नहीं। मगर मेरी जिंदगी में एक कमी है—मैं अपनी बीवी रानी की जिस्मानी प्यास को पूरा नहीं कर पाता।
मेरी बीवी का नाम रानी है। वो 28 साल की है, और उसका जिस्म किसी मादक मूर्ति की तरह है। उसका फिगर 36-30-40 का है। उसकी 36 इंच की चुचियाँ गोल और टाइट हैं, 30 इंच की कमर पतली और लचकदार है, और 40 इंच की गांड मोटी, गोल, और रसीली है। उसकी त्वचा सांवली और चिकनी है, और उसकी मोटी जाँघें ऐसी हैं कि उन पर से नजर हटाना मुश्किल हो जाता है।
उसकी चूत गहरी और रसीली है, लेकिन मेरे छोटे लंड की वजह से उसकी प्यास कभी बुझी नहीं। मेरा लंड ढीला होने पर 2 इंच और खड़ा होने पर 4 इंच का है। रानी की चूत में मेरा लंड बस फांकों तक ही पहुँच पाता है, और चार-पाँच धक्कों में मेरा पानी निकल जाता है। हमारी शादी को 5 साल हो गए, लेकिन अभी तक कोई औलाद नहीं हुई।
रानी की चूत अभी भी किसी कुंवारी लड़की की तरह टाइट है, क्योंकि मैं उसे कभी असली चुदाई का मज़ा नहीं दे पाया।
लेकिन एक दिन मेरी जिंदगी मे एक तूफान आया जिसने हमारी जिंदगी को बादल के रख दिया.
हवस का ठंडा तूफान.
ये बात 15 दिसंबर 2024 की है। रात के 9 बज रहे थे, और कसोल में सर्दी अपने चरम पर थी। तापमान 0 डिग्री सेल्सियस के आसपास था, और हल्की बर्फबारी शुरू हो चुकी थी। बाहर ठंडी हवा चल रही थी, जो ढाबे की लकड़ी की दीवारों से टकराकर सनसन की आवाज़ कर रही थी। बर्फ के कण हवा में उड़ रहे थे, और दूर पहाड़ों से भेड़ियों की आवाज़ गूँज रही थी। गांव में बिजली गुल थी, और ढाबे के अंदर मैंने एक बड़ा-सा अलाव जला रखा था।
अलाव की गर्मी से ढाबे का माहौल हल्का गर्म था, लेकिन ठंड इतनी थी कि हाथ-पैर सुन्न हो रहे थे। अलाव की लपटें लकड़ी की छत पर छाया डाल रही थीं, और उसकी रौशनी ढाबे के अंदर एक सुनहरी चमक बिखेर रही थी।
मैं एक मोटा-सा कंबल ओढ़े ढाबे के काउंटर पर बैठा था। रानी ढाबे की रसोई में खाना बना रही थी। उसने एक टाइट हरे रंग की सलवार-कमीज पहनी थी, जो उसके गदराए जिस्म को पूरी तरह उभार रही थी।
उसकी 36 इंच की चुचियाँ कमीज़ में कसी हुई थीं, और उसके निप्पल ठंड की वजह से हल्के-हल्के उभर रहे थे। उसकी 30 इंच की कमर लचक रही थी, और उसकी 40 इंच की मोटी गांड सलवार में हिल रही थी। जब वो चलती थी, तो उसकी गांड के पल्ले आपस में रगड़ खाकर ऊपर-नीचे हो रहे थे, मानो दो रसीले पानी भरे गुदाज तरबूज एक-दूसरे से टकरा रहे हों। उसकी सांवली, चिकनी जाँघें सलवार के नीचे से झाँक रही थीं, और उसकी चूत की फांकें सलवार में हल्की-सी उभरी हुई थीं। उसकी मोटी जाँघें इतनी रसीली थीं कि ठंडी हवा में भी उनमें से गर्मी की लहरें निकल रही थीं। उसकी चूत की फांकों के बीच हल्का-सा गीलापन था, जो उसकी सलवार को हल्का गीला कर रहा था।
मैं अपनी बीवी रानी की मादक जवानी को निहार रहा था, मन ही मन तारीफ कर रहा था। मैंने हमेशा गौर किया था की रानी की आँखों में एक अजीब सा सुनापन रहता था, जैसे कुछ अधूरा सा हो, कोई प्यास हो, शायद ये उसके मादक जिस्म की प्यास थी जिसे मैं कभी पूरी नहीं कर पाया। उसके कामुक गुदाज जिस्म को देख मेरा लंड खड़ा हो चूका था,
मन कर रहा था दबोच ही लू, आज रात इसे बिस्तर पर लिटाकर चार धक्के मार लेता हूँ,” मैंने मन में सोचा।
मगर तभी ढाबे का दरवाजा खुला, और तीन हट्टे-कट्टे मर्द अंदर घुस आए।
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मैं अभी कुछ सोचता ही की तीन मर्द ढाबे में दाखिल हुए।
"अरे कहाँ चले आ रहे हो, दिख नहीं रहा ढाबा बंद है " मैंने कड़कते हुए कहा.
रानी की नजर भी उन तीनो पर गई, जो वही चूल्हे के पास झुकी हुई खड़ी थी.
रानी के स्तन लगभग बाहर को झाँक रहे थे.
मैंने उन तीनो की तरफ देखा, उनके चेहरों पर शराब का नशा साफ दिख रहा था।
उनमे से एक, ने कहा, “भाई, खाना मिलेगा? रास्ते बंद हो गए हैं, बर्फबारी की वजह से ट्रक आगे नहीं ले जा सकते।
भूख से हालात ख़राब है, आस पास कोई और होटल, ढाबा भी नहीं दिखा, मज़बूरी मे यहाँ आना पड़ा "
मैं रामु, और ये मेरे साथ ही है सलीम और ये बंता सिंह,
मेरे से मुख़ातिब आदमी ने अपना और साथ आये 2 आदमियों का परिचय और कारण दोनों एक साथ बता दिए.
रामू करीब 40 साल का था, 6 फीट लंबा, और उसका बदन किसी पहलवान की तरह था।
दूसरा मर्द, सलीम, 38 साल का था, 5 फीट 10 इंच लंबा, और उसकी आँखों में एक खूंखार चमक थी।
तीसरा मर्द, बंता, 42 साल का था, 6 फीट 2 इंच लंबा, और उसकी मूंछें घनी थीं।
तीनों ट्रक ड्राइवर थे, और उनके ट्रक ढाबे के बाहर खड़े थे।मैं उनकी मज़बूरी समझ गया, और यही तो मौका होता है पैसा कमाने का “हाँ भाई, खाना मिल जाएगा। और रात बिताने के लिए एक कमरा भी है। बैठो, मैं खाना लगवाता हूँ।”
मैंने रानी को आवाज़ दी, “रानी, तीन लोगों के लिए खाना तैयार कर दे!”
वो तीनो सामने बिछि चारपाई पर बैठ गए, साथ ही मैं भी बैठ गया "देखो भाई लोगो ऐसे मौसम मे रुकने खाने को मिल जाये वो बहुत होता है, लेकिन सुविधा के कुछ पैसे भी लगते है, 5000rs लगेंगे " मैंने बेबाक बोल दिया.
"5000rs बहुत ज्यादा है भाईसाब " बंता सिंह ने मुझे घूरते हुए कहा.
"अरे भाई ठीक है, बाहर मरने से अच्छा है थोड़ा पैसा खर्च कर के, जान है तो जाहाँ है " रामु ने हाँ भर दी और पैसे निकाल मेरी तरफ बढ़ा दिए,
"आप समझदार है भाईसाब, रानी खाना लगाओ " मैंने झट से नोटों को अपने पाजामे मे ठूस लिया.
रानी रसोई से बाहर आई और खाना परोसने लगी। जैसे ही वो झुककर खाना परोस रही थी, उसकी 36 इंच की चुचियाँ कमीज़ में हिल रही थीं, और उसकी 40 इंच की मोटी गांड हवा में तनी हुई थी।
रामू, सलीम, और बंता की नजरें रानी के जिस्म पर टिक गईं। उनकी आँखों में हवस की चमक थी। वो आपस में फुसफुसाने लगे।
रामू ने सलीम से कहा, “देख, साले, क्या मस्त माल है ये! ऐसी रसीली औरत को आज चोदने का मौका मिल जाए, तो रात बन जाए!”
सलीम ने हँसते हुए कहा, “हाँ, इसकी गांड देख! ऐसा माल तो हमें दिल्ली की रंडियों में भी नहीं मिलता!”
बंता ने कहा, “आज रात इसकी चूत का भोसड़ा बनाएंगे!”
मैं पास मे ही आग मे और लकड़िया डाल रहा था, उनकी फुसफुसाहट मेरे कामों मे पड़ी तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए, मेरा दिल धक-धक करने लगा। मुझे डर लगने लगा, कि कहीं ये लोग रानी को नुकसान न पहुँचा दें।
"कहीं मैंने इन्हे यहाँ रुका कर कोई गलती तो नहीं कर दी ना, इतने हट्टे कट्टे है इनसे तो जीत भी नहीं पाउँगा " मैं अंदर ही अंदर डर से कांपने लगा.
खाना खाने के बाद तीनों ड्राइवरों ने और शराब मांगी। मैंने मना किया, “भाई, मेरे ढाबे पर शराब नहीं मिलती।”
"तुझे पुरे 5000rs किस लिए दिए है हमने " अब उन तीनो का व्यवहार बदलने लगा था, थोड़ी देर पहले वो लोग सभ्य, मजबूर नजर आ रहे थे और अब जैसे अधिकार जमा रहे है.
"वो तो खाने और रुकने के पैसे दिए है तुमने " मैंने साफ साफ कहाँ.
तभी रामू ने अपनी जेब से एक बोतल निकाली और कहा, “हमारे पास अपनी दारू है, साले! तू बस चुपचाप बैठ!, तेरे जैसे घटिया लोगो को जानता हूँ मैं, मज़बूरी का फायदा उठाते है, जैसे तूने हमसे 5000rs ठग लिए.
रामु की बात सुन मे सकपका गया, मैंने रानी की तरफ देखा उसके चेहरे पे भी हवाइया उडी हुई थी, जैसे मुझे कोष रही हो की पैसे के लालच मे मैंने मुसीबत मौल ले ली.
वो तीनों बोतल से शराब पीने लगे। उनकी आँखें लाल हो गई थीं, और वो नशे में और बेकाबू हो रहे थे।
मैंने सोचा नशे मे बेवड़े सो जायेंगे, मैं फालतू ही डर रहा था इन लोगो से.
वही से थोड़ी दूर रानी रसोई में बर्तन साफ कर रही थी, उसकी पीठ हम लोगो की तरफ ही थी,
उसकी गांड सलवार में हिल रही थी। अलाव की सुनहरी रौशनी में उसका सांवला जिस्म और चमक रहा था।
अचानक बंता उठा और रसोई की ओर बढ़ गया, उसने रानी की बांह पकड़ी और उसे खींचता हुआ बाहर ले आया। “आईईईईई… मुझे छोड़ दो!” रानी चीख पड़ी।
मैं भी हक्का बक्का रह गया, अभी तो ये तीनो नशे मे लुढ़कने वाले थे “भाई, ये क्या कर रहे हो? मेरी बीवी को छोड़ दो!”
मैं बंता की तरफ लपका लेकिन रामू और सलीम ने मुझे पकड़ लिया। रामू ने मुझे एक जोरदार थप्पड़ मारा—“चट्ट्ट्ट!”—और मुझे कुर्सी पर बांध दिया।
“चुपचाप बैठ साले! हमें ठगता है, 5000rs दिए है तुझे, उसके बदले कुछ तो लेंगे ना हरामखोर, तेरी बीवी को चोद-चोदकर हम बाकि के पैसो की भरपाई कर लेंगे” रामू ने धमकी भरे लहजे में कहा।
बंता रानी को अलाव के पास खींच लाया। अलाव की रौशनी में रानी का सांवला जिस्म चमक रहा था। उसकी आँखें डर से भरी थीं, लेकिन उसकी साँसें तेज थीं। बंता ने एक झटके में रानी की कमीज़ फाड़ दी—“चररररर…”—और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया—“क्लिक…”। रानी की 36 इंच की चुचियाँ अलाव की रौशनी में चमकने लगीं।
उसके निप्पल ठंड की वजह से कठोर हो गए थे। सलीम ने रानी की सलवार का नाड़ा खींचा—“सररररर…”—और उसकी सलवार नीचे सरक गई। रानी ने सलवार के नीचे पैंटी नहीं पहनी थी। उसकी सांवली, चिकनी, मोटी जाँघें और उसकी चूत अब सबके सामने थी। उसकी चूत की फांकें गीली और चिकनी थीं, और उनके बीच हल्का-सा पानी रिस रहा था।
सब कुछ इतना अचानक हुआ की खुद रानी को भी अहसास नहीं हुआ की वो कब नंगी हो गई,
रानी अब पूरी तरह नंगी, अलाव की रौशनी में खड़ी थी। उसकी 36 इंच की चुचियाँ, 30 इंच की लचकदार कमर, और 40 इंच की मोटी गांड किसी मादक मूर्ति की तरह लग रही थी।
उसकी सांवली त्वचा अलाव की रौशनी में सुनहरी चमक बिखेर रही थी। उसकी मोटी जाँघें काँप रही थीं, और उसकी चूत की गीली फांकें हल्के-हल्के फड़क रही थीं।
रामू ने कहा, “बताओ यार इस साले हरामखोर आदमी को ऐसी मस्त, कामुक औरत कैसे मिल गई ?”
वो तीनो हसने लगे, मैं झेम्प गया, और इधर उधर झाँकने लगा .
तभी सलीम बोला " चल हरामी उतार अपना पजामा" । मैंने ना मे सर हिला दिया.
चाटकककककककक...... से एक झान्नाटेदार थप्पड़ ने मेरे विरोध को खत्म कर दिया. मैंने झट से अपना पजामा और अंडरवियर उतार दिये।
मेरा लंड, जो ठंड की वजह से सिकुड़कर 1.5 इंच का रह गया था, सबके सामने था। रामू ने मेरा लंड देखा और जोर से ठहाका लगाया। “हा हा हा… साले, इस चने के दाने से तू अपनी बीवी को चोदता था?” सलीम और बंता भी हँसने लगे। मैं शर्म से जमीन में गड़ा जा रहा था।
रामु ने अपनी पैंट की चेन खोली और अपना लंड बाहर निकाला। उसका लंड ढीला होने पर 5 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा था। उसका लंड किसी काले साँप की तरह था, जिसके ऊपर मोटी-मोटी नसें उभरी हुई थीं। उसका सुपाड़ा गुलाबी और चिकना था।
सलीम ने भी अपनी पैंट खोली। उसका लंड 5.5 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा था। उसकी नसें नीली और उभरी हुई थीं, और उसका सुपाड़ा मोटा और लाल था। उसका सूपड़ा पूरा नंगा था उस पर कोई चमड़ी नहीं थी,
बंता का लंड सबसे बड़ा था। ढीला होने पर उसका लंड 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था। उसका लंड किसी मूसल की तरह था, जिसके ऊपर मोटी नसें साफ दिख रही थीं। उसका सुपाड़ा इतना मोटा था कि वो किसी छोटे-से सेब की तरह लग रहा था।
रामू ने कहा, “देख, साले! लंड इसको कहते हैं! आज हम तेरी बीवी की चूत का भोसड़ा बनाएंगे!”
मैंने रानी की ओर देखा। उसकी आँखें फटी हुई थीं, मुँह खुला हुआ था,
वो तीनों ड्राइवरों के लंड को चकित होकर देख रही थी। उसकी साँसें तेज थीं, और उसकी चुचियाँ ऊपर-नीचे हो रही थीं। उसकी चूत की गीली फांकें अलाव की रौशनी में चमक रही थीं।
तभी रामु ने देर ना करते हुए रानी को अलाव के पास बिस्तर पर पीठ के बल लिटाया और उसकी मोटी जाँघों को अपने कंधों पर रख लिया। सलीम और बंता पास में एक बेंच पर बैठ गए और शराब की बोतल से घूँट भरते हुए तमाशा देखने लगे। रामू ने रानी की चूत की फांकों को अपनी उंगलियों से फैलाया। उसकी चूत की गीली और चिकनी फांकें अलाव की रौशनी में चमक रही थीं। उसकी चूत का दाना हल्का-सा उभरा हुआ था, और उसकी फांकें इतनी टाइट थीं कि वो किसी कुंवारी लड़की की चूत जैसी लग रही थी।
मैं इस बात से हैरान था की रानी ने लेस मात्र का भी विरोध नहीं किया था, रामु ने जैसे लेटाया वैसे लेट गई, टांगे फैलाने मे भी कोई आनाकाना नहीं की.. शायद बहुत ज्यादा डर गई थी मेरी रानी.
रामू ने अपनी जीभ रानी की चूत पर रखी और चाटना शुरू किया। उसकी जीभ रानी की चूत के दाने पर चक्कर काट रही थी,
और वो उसकी फांकों को चूस रहा था। “आआह्ह्ह… स्स्स्सीईईई…” रानी की सिसकारियाँ निकलने लगीं। उसकी मोटी जाँघें काँपने लगीं, और उसकी चूत से पानी रिसने लगा। उसकी चूत की फांकें और गीली हो गईं, और उसकी जाँघें चिकनाहट से चमकने लगीं।
रामू ने रानी की चूत को चाटना बंद किया और अपना लंड उसके मुँह के पास लाकर कहा, “चूस, रंडी!” रानी डर गई,
मगर उसकी आँखों में एक अजीब सा उत्साह भी मैं देख पा रहा था, उसने एक नजर मेरी तरफ देखा, जैसे इज़ाज़त मांग रही हो,
मैंने ना मे गर्दन हिला दी.
लललल... लेकिन लेकिन ये क्या रानी के हाथ रामु के मोटे लंड पर कस गए, उसके गुलाबी होंठ खुल गए,
उसने रामू का लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। उसका लंड इतना बड़ा था कि रानी का मुँह पूरा भर गया।
वो “गू… गू…” की आवाज़ें निकालते हुए उसका लंड चूस रही थी। उसकी जीभ रामू के सुपाड़े पर चक्कर काट रही थी, और वो उसकी उभरी हुई नसों को चाट रही थी। रामू की आँखें मस्ती से बंद हो गईं, और वो रानी के मुँह में धक्के मारने लगा। कुछ देर बाद रामू का लंड पूरी तरह तन गया। अब उसका लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया था। उसकी उभरी हुई नसें साफ दिख रही थीं, और उसका सुपाड़ा गुलाबी और चमकदार हो गया था,
रामू ने अपना लंड रानी की चूत के दरवाजे पर रखा। उसने अपने सुपाड़े से रानी की चूत के दाने को रगड़ना शुरू किया।
“उफ्फ्फ… स्स्स्सीईईई…” रानी जोश में आकर सिसकारियाँ भरने लगी। उसकी चूत की फांकें गीली होकर फड़क रही थीं। रामू ने धीरे-से एक हल्का धक्का मारा, और उसका सुपाड़ा रानी की चूत में समा गया।
“आआह्ह्ह…” रानी के मुँह से एक चीख निकल गई। उसकी चूत इतने मोटे लंड को लेने की आदी नहीं थी। उसकी चूत की दीवारें खिंच गईं, और उसकी चूत से हल्का-सा खून रिसने लगा।
“आआह्ह्ह… दर्द हो रहा है… प्लीज निकाल दो…” रानी रोने लगी। उसकी चूत से खून की पतली धार उसकी मोटी जाँघों पर बहने लगी।
रामू ने रानी की चीख को अनसुना कर दिया। उसने धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर-बाहर करना शुरू किया। उसका सुपाड़ा रानी की चूत की फांकों को रगड़ रहा था, और उसकी चूत की दीवारें हर धक्के के साथ खिंच रही थीं।
“आआह्ह्ह… माँ… मर गई…” रानी की चीखें तेज हो गईं। उसकी चूत से खून और पानी एक साथ रिस रहा था।
“फच… फच… ठप… ठप…”—चुदाई की हल्की-हल्की आवाज़ें ढाबे में गूँजने लगीं। रामू के टट्टे रानी की 40 इंच की गांड से टकरा रहे थे, और हर धक्के के साथ एक मस्त आवाज़ हो रही थी—“थप… थप…”सलीम और बंता ने रानी की चूत से निकलते खून को देखा और जोर-जोर से हँसने लगे।
सलीम ने कहा, “हा हा, साले बलदेव! तेरी बीवी तो अभी तक कुंवारी थी! तेरा छोटा-सा लंड तो इसकी चूत तक पहुँचा भी नहीं होगा!”
बंता ने तंज कसते हुए कहा, “साले, तू नामर्द है, ढाबा चलाने और लंड चलाने मे अंतर होता है बे हरामी"
मैं हैरान था। मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि रानी अभी तक कुंवारी थी। मेरा छोटा-सा लंड उसकी चूत की गहराई तक कभी पहुँचा ही नहीं था। मैं शर्म और हैरानी से पानी पानी हुए जा रहा था,
रामू ने रानी की चीखों को अनसुना करते हुए धीरे-धीरे धक्के मारना जारी रखा। उसने रानी की मोटी जाँघों को अपने हाथों में पकड़ा और उन्हें और चौड़ा कर दिया। रानी की चूत की फांकें पूरी तरह खुल गईं, और उसकी चूत का गुलाबी मांस साफ दिखने लगा।
उसकी चूत से खून और पानी रिस रहा था, जो उसकी मोटी जाँघों पर बहकर चमक रहा था। अलाव की रौशनी में रानी का सांवला जिस्म और चमक रहा था। रामू ने अपने लंड को धीरे-धीरे पूरा बाहर निकाला, और फिर एक हल्का धक्का मारा। उसका 8 इंच का लंड रानी की चूत की जड़ तक समा गया। “आआह्ह्ह… माँ… मर गई…” रानी की चीख फिर से निकल गई। उसकी चूत की दीवारें फट-सी गई थीं, और उसे असहनीय दर्द हो रहा था।
रामू ने रानी की 36 इंच की चुचियाँ अपने हाथों में लीं और उन्हें जोर-जोर से मसलने लगा। “आआह्ह्ह… उफ्फ्फ…” रानी की सिसकारियाँ तेज हो गईं। रामू ने उसकी एक चूची को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा।
उसकी जीभ रानी के काले निप्पल पर चक्कर काट रही थी, और वो जोर-जोर से चूस रहा था। रानी की साँसें तेज हो गईं, और उसकी आँखें बंद हो गईं। रामू ने धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाई। उसका लंड अब रानी की चूत में तेजी से अंदर-बाहर होने लगा।
“फच… फच… ठप… ठप…”—चुदाई की आवाज़ें तेज हो गईं। रामू के टट्टे रानी की गांड से टकरा रहे थे, और उसकी चूत की फांकें हर धक्के के साथ खिंच रही थीं।करीब 15 मिनट तक रामू ने रानी की चूत में धीरे-धीरे धक्के मारे। अब रानी का दर्द धीरे-धीरे आनंद में बदलने लगा। उसकी चीखें सिसकारियों में बदल गईं।
मैं सामने का नजारा देख हैरान था रामु पिछले 15मिनिट से मेरी बीवी रानी को चोदे जा रहा था वो भी एक ही स्पीड मे, मैं तो आजतक 3मिनिट से ऊपर कभी टिक ही नहीं पाया, ऊपर से रानी कैसे इस लंड को झेल रही थी मेरे लिए ताज्जुब का विषय था.
“आआह्ह्ह… स्स्स्सीईईई… और जोर से…” रानी अपनी गांड को ऊपर-नीचे करके रामू का साथ देने लगी। उसकी चूत से खून के साथ-साथ पानी की धारें रिसने लगीं। उसकी मोटी जाँघें गीली हो गई थीं, और उसकी साँसें तेज। ठंडी रात में भी उसका जिस्म आग की तरह जल रहा था। उसकी साँसों की गर्मी हवा में भाप बनकर उड़ रही थी।
रामू ने मुझसे कहा, “देख, साले बलदेव! ऐसे चोदते हैं! ढाबा चलाने से चुदाई नहीं सीखी जाती!”
सलीम ने हँसते हुए कहा, “हा हा, साले, तेरा लंड तो इसकी चूत की फांक तक नहीं पहुँच पाया होगा! देख, रामू कैसे इसकी चूत का भोसड़ा बना रहा है!”
बंता ने तंज कसते हुए कहा, “साले, तू लोगो की भूख मिटाता रहा, और तेरी ही पत्नी ही यहाँ भूखी बैठी थी, हाहाहाहा.... देख कैसे खुद से चुद रही है रामु भाई से, गांड उठा के लंड के रही है, बेचारी बहुत भूखी है.
मैं अपनी बीवी की हरकतो से शर्म और गुस्से से भर गया। मेरे सामने मेरी बीवी को चोद-चोदकर ये ड्राइवर मुझे जलील कर रहे थे।
करीब 20 मिनट तक रामू ने रानी की चूत में धक्के मारे। अब रानी पूरी तरह मज़े ले रही थी। उसकी आँखें बंद थीं, और उसके चेहरे पर एक अजीब-सी तृप्ति थी। रामू ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी। “फच… फच… ठप… ठप…”—चुदाई की आवाज़ें तेज हो गईं। रानी की चूत से पानी की धारें निकलने लगीं, और उसकी मोटी जाँघें काँपने लगीं। अचानक एक ऐसा वक्त आया, जब रानी ने अपनी चूत को रामू के लंड पर घिसना शुरू कर दिया। वो अपनी गांड को ऊपर-नीचे करके रामू के लंड को अपनी चूत में ले रही थी। उसकी चूत की फांकें रामू के लंड से रगड़ खा रही थीं, और उसकी सिसकारियाँ तेज हो गईं—“आआह्ह्ह… उफ्फ्फ… और जोर से…”ये देखकर सलीम और बंता जोर-जोर से हँसने लगे। सलीम ने मुझसे कहा, “देख, साले बलदेव! तेरी बीवी कितनी प्यासी है! वो खुद मेरे भाई के लंड पर अपनी चूत घिस रही है!” बंता ने हँसते हुए कहा, “हा हा, साले, तेरी बीवी तो अब हमारी रंडी बन गई है! देख, इसे अब तेरी परवाह भी नहीं है!”
मैं हैरान था। रानी हवस में पागल हो चुकी थी। उसे अब मेरी कोई परवाह नहीं थी। वो बस अपनी चूत की प्यास बुझाने में लगी थी।
थोड़ी ही देर मे रामु ने रानी की चूत में एक जोरदार धक्का मारा और अपना गाढ़ा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया। “आआह्ह्ह…” रानी की आँखें मस्ती से बंद हो गईं। उसकी चूत रामू के वीर्य से भर गई, और वो कई बार झड़ चुकी थी।
उसकी चूत से वीर्य, खून, और पानी का मिश्रण रिस रहा था, जो उसकी मोटी जाँघों पर बहकर चमक रहा था। रामू ने अपना लंड बाहर निकाला और सलीम की ओर देखकर कहा, “अब तू इसकी चूत का मज़ा ले!”
सलीम ने रानी को उल्टा किया और उसे घुटनों के बल कर दिया। वो उसे डॉगी स्टाइल में चोदना चाहता था। उसने रानी की 40 इंच की मोटी गांड को हवा में उठाया। रानी की गांड का छेद टाइट और छोटा था।
सलीम ने पास पड़ी शराब की बोतल उठाई और उसकी टोंटी रानी की गांड के छेद पर रख दी। उसने बोतल को हल्का-सा दबाया, और शराब की एक धार रानी की गांड में चली गई।
मैं सलीम का पागलपन देख हैरान रह गया,
“आआह्ह्ह… जल रहा है… उफ्फ्फ…” रानी की चीख निकल गई। शराब की गर्मी और जलन से रानी का जिस्म तपने लगा। उसकी गांड का छेद जल रहा था, और उसकी सांवली त्वचा पसीने से चमकने लगी। उसकी मोटी जाँघें काँप रही थीं, और उसकी साँसें तेज हो गईं।
सलीम ने अपनी जीभ रानी की गांड पर रखी और उसकी गांड से शराब चूसने लगा।
“आआह्ह्ह… स्स्स्सीईईई…” रानी की सिसकारियाँ तेज हो गईं। सलीम ने अपनी जीभ को रानी की गांड के छेद में डाला और शराब को चूस-चूसकर पीने लगा। रामू और बंता ने भी बारी-बारी रानी की गांड में शराब डाली और उसकी गांड चूस-चूसकर शराब पीने लगे।
रानी की गांड से शराब की बूंदें रिस रही थीं, और उसकी गांड का छेद जलन से लाल हो गया था। शराब की गर्मी और जलन से रानी का जिस्म आग की तरह तप रहा था, और उसकी कामवासना चरम पर थी।
सलीम ने अपना 7.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड रानी की चूत के दरवाजे पर रखा। उसने एक हल्का धक्का मारा, और उसका सुपाड़ा रानी की चूत में समा गया। “आआह्ह्ह…” रानी की चीख फिर से निकल गई। उसकी चूत अभी भी टाइट थी, और सलीम का लंड रामू से थोड़ा मोटा था। उसकी चूत की दीवारें फिर से खिंच गईं, और उसकी चूत से हल्का-सा खून रिसने लगा। सलीम ने धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर-बाहर करना शुरू किया।
“फच… फच… ठप… ठप…”—चुदाई की आवाज़ें फिर से गूँजने लगीं। सलीम ने रानी की गांड को अपनी मुठ्ठी में भरा और जोर-जोर से धक्के लगाने लगा।रानी की कामवासना अब पूरी तरह जाग चुकी थी।
मोटे, लंबे लंड और शराब की गर्मी ने उसे हवस में पागल कर दिया था। वो जोश भरी सिसकारियाँ भर रही थी—“आआह्ह्ह… और जोर से… आआह्ह्ह…” उसने अपनी गांड को और तेजी से ऊपर-नीचे करना शुरू कर दिया। वो सलीम के लंड को अपनी चूत में गहराई तक ले रही थी।
बंता ने रानी की ओर देखा और कहा, “जब चुदाई को रोका नहीं जा सकता, तो उसका मज़ा लेना चाहिए। चल, और जोर से अपनी गांड हिला!” रानी ने बंता की बात सुनी और अपनी गांड को और तेजी से हिलाने लगी।
जैसे वो इन तीनो की गुलाम हो गई हो,
करीब 20 मिनट तक सलीम ने रानी की चूत में धक्के मारे। फिर उसने एक जोरदार धक्का मारा और अपना वीर्य रानी की चूत में छोड़ दिया।
उसकी चूत अब वीर्य और खून से भरी एक झील बन गई थी। सलीम ने अपना लंड बाहर निकाला और बंता की ओर देखकर कहा, “ तू भी मजा ले ले भाई 5000rs मे तेरा भी तो हिस्सा है ना hehehehe.."
बंता ने रानी को बिस्तर पर पीठ के बल लिटाया और उसकी मोटी जाँघों को अपने कंधों पर रख लिया। उसने अपना 9 इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा लंड रानी की चूत के दरवाजे पर रखा। उसकी नीली नसें उभरी हुई थीं, और उसका सुपाड़ा इतना मोटा था कि वो किसी छोटे-से सेब की तरह लग रहा था। उसने एक जोरदार धक्का मारा, और उसका आधा लंड रानी की चूत में समा गया।
“ऊउईईईई…” रानी की चीख निकल गई। उसने अपने दोनों हाथ बंता की पीठ पर रखे और नीचे से धक्का मारा। उसका बचा हुआ लंड भी जड़ तक समा गया।बंता ने रानी की चूत में तेज-तेज धक्के मारने शुरू किए।
मैं हैरान था, दो मर्द उसकी चुत मे झड़ चुके थे तीसरा उसकी चुत को रोंद रहा था फिर भी मेरी बीवी रानी के चेहरे पे थकान का कोई नामोनिशान नहीं था.
“फच… फच… ठप… ठप…”—आवाज़ें तेज हो गईं। रानी अब पूरी तरह पागल हो गई थी। वो जोश भरी सिसकारियाँ भर रही थी—“आआह्ह्ह… उफ्फ्फ… स्स्स्सीईईई… माँ… मर गई…” उसकी चूत से पानी की धारें निकल रही थीं, और उसकी मोटी जाँघें काँप रही थीं।तभी रामू ने रानी को उल्टा कर घुटनो के बल कुतिया बना दिया,
और फचककककक... से एक ही झटके मे अपने लंड को रानी की गांड मे ठूस दिया, गांड पहले से ही गीली और चिकनी थी, रानी ने ये उम्मीद भी नहीं की थी, बंता का सूपड़ा गांड के छेद पर कस गया था,
जैसे किसी रबरबैंड ने कस लिया हो,
“आआह्ह्ह… नहीं… दर्द हो रहा है…” रानी की चीख निकल गई। वो बुरी तरह हुंकार उठी, लेकिन उसकी हुंकार बाहर से आते भेडियो की हुंकार मे घुल मिल गई.
रानी दर्द से छटपटाने लगी, सलीम ने मौका देख अपना लंड रानी के मुँह में डाल दिया, रानी की चीख बंद हो गई,
बंता धीरे धीरे अपने लंड को रानी की गांड मे सहलाने लगा, कुछ 5,10 मिनट मे ही रानी का दर्द हवा हो गया, वो खुद अपनी गांड को पीछे धकेलने लगी, और सलीम के लंड को मुँह मे चुभलाने लगी.
ये सिलसिला अभी चलता ही की तीनो ने आपस मे कुछ इशारा किया और चंद ही पलो मे रानी की चूत में बंता का 9 इंच का लंड था, उसकी गांड में रामू का 8 इंच का लंड था, और उसके मुँह में सलीम का 7.5 इंच का लंड था।
तीनों ड्राइवर एक साथ रानी को चोद रहे थे। “फच… फच… ठप… ठप…”—रानी की चूत और गांड से चुदाई की आवाज़ें ढाबे में गूँज रही थीं। “गू… गू…”—रानी के मुँह से लंड चूसने की आवाज़ें निकल रही थीं। अलाव की रौशनी में रानी का सांवला जिस्म चमक रहा था।
मैं अपनी बीवी की कामुक चुदाई देख रहा था। एक अजीब सिचुएशन में था। रानी की चीखें, उसकी सिसकारियाँ, और उसकी चूत व गांड से आती चुदाई की आवाज़ें—सब कुछ मेरे सामने था। मेरा लंड, जो पहले 1.5 इंच का सिकुड़ा हुआ था, अब खड़ा होकर 4 इंच का हो गया था। मुझे शर्म आ रही थी, लेकिन मेरा लंड रानी की चुदाई देखकर तन गया था। मैं शर्म और हवस के बीच झूल रहा था।रानी के चेहरे पर असीम शांति और सुख था। वो हवस में डूब चुकी थी। उसकी आँखें बंद थीं, और उसके चेहरे पर एक तृप्ति की मुस्कान थी। वो तीनों ड्राइवरों के मोटे, लंबे लंड से चुदकर जन्नत में थी।
तीनों ड्राइवरों ने रानी को करीब 30 मिनट तक ताबड़तोड़ जगह बदल बदल कर चोदा। रामू ने उसकी गांड में, बंता ने उसकी चूत में, और सलीम ने उसके मुँह में अपना वीर्य छोड़ दिया। रानी की चूत, गांड, और मुँह वीर्य से भर गए थे। उसकी चूत से वीर्य, खून, और पानी का मिश्रण रिस रहा था।
उसकी मोटी जाँघें गीली हो गई थीं, और उसका चेहरा मस्ती से भर गया था।चुदाई के बाद तीनों ड्राइवर हँसते हुए अपने कपड़े पहनने लगे। रामू ने मुझसे कहा, “साले, तेरी बीवी को चोदकर मज़ा आ गया! अब तू भी इसे चोद ले!” वो हँसते हुए ढाबे मे रखी चारपाईयो पर कम्बल डाल कर चित्त लेट गए, और थोड़ी ही देर मे खर्राटो की आवाज़ गूंजने लगी सब कुछ शांत हो चूका था.
रानी भी बिस्तर से उठ ढाबे मे बने अपने कमरे मे चली गई, उसकी चाल बिगाड़ गई थी, उसने जाते हुए एक बार मुझे देखा तक नहीं.
बाहर मैं बिस्तर के पास बैठा था, हाथ मे रानी के फटे कपडे लिए, मेरा जिस्म भी सुलग रहा था, लंड खड़ा हुआ था.
ना जाने क्यों मेरे हाथ अपने लंड पर कसते चले गए, मैं अपने लंड को हिलाने लगा, मेरी आँखों के सामने मेरी बीवी का कामुक नंगा भरा हुआ जिस्म नाच रहा था जिसे तीन मर्दाना आदमी चोद रहे थे.
जो काम मैं आजतक ना कर सका वो इन तीनो ने कर दिखाया था.
ना जाने मैं कब वही पर धारासाई हो गया,
सुबह आंख खुली तो तीनो ड्राइवर वहाँ नहीं थे,
मेरे बगल मे 5000rs और पड़े थे.
मैंने आंखे मसलते हुए सामने देखा, रानी रसोई मे चाय बना रही थी.
मेरी नजरें उस से मिली, उसकी आँखों मे संतुष्टी का सागर उमड़ आया था, चेहरे पे वही रौनक थी जब मैं उसे पहली बार ब्याह कर के लाया था.
हमारी नजरें मिली, वो सिर्फ मुस्कुरा दी, उसकी लाल होंठो से झाँकते मोती जैसे दाँत उसकी बेगुनाई का सबूत पेश कर रहे थे.
ना जाने क्यों मैं भी मुस्कुरा उठा, शायद मैं औरत का चरित्र समझ चूका था.
समाप्त.
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