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मेरी बेटी निशा -24

 अपडेट -24, मेरी बेटी निशा

Picsart-23-12-27-12-15-09-249 जगदीश राय:“शाबाश मेरी जान , ये हुई ना बात. हमे पता था की हमारी प्यारी बिटिया हमे गांड ज़रूर देगी. अब अपने ये मोटे मोटे चूतड थोडे से और ऊपर करो”


निशा ने चूतड ऊपर की ओर इस तरह उचका दिए कि पापा का लंड आसानी से गांड में जा सके. पापा ने निशा की गांड से उंगली निकाली और नीचे झुक के अपनी जीभ निशा की गांड के छेद पे टीका दी. निशा की तो वासना इतनी भड़क उठी थी की अब और सहन नहीं हो रहा था.वासना के नशे में वो धीरे धीरे निशा की गांड चाट रहे थे और कभी कभी जीभ गांड के छेद में घुसेड देते. एक हाथ से वो मेरी गीली चूत सहला रहे थे.


जगदीश राय: “सच बेटी तुम्हारी गांड बहुत ही ज़्यादा स्वादिष्ट लग रही है. तुम्हारी गांड में से बहुत मादक खुश्बू आ रही है.” निशा को आज तक ये बात समझ नहीं आई थी कि लड़को को लडकियों की गांड चाटने में क्या मज़ा आता है. अब पापा ने निशा की चूत के रस में से सना हुआ लंड उसकी गांड के छेद पे टिका दिया. हाय राम ! निशा के पापा उसकी गांड फिर से मारने जा रहे थे. निशा भी कुतिया बनी उस पल का इंतज़ार कर रही थी जब पापा का लंड उसकी गांड में घुसेगा. पापा ने निशा के चूतडो को पकड़ के चौड़ा किया और साथ ही एक ज़ोर का धक्का लगा दिया.


निशा: “ आआईयईई……आआआअहह….इसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स” जैसे ही लंड का मोटा सुपाडा निशा की गांड में घुसा उसके मुँह से चीख निकल ही गयी.


जगदीश राय: “हाय मेरी जान ! क्या मस्त गांड है तुम्हारी!” पापा ने निशा के चूतड पकड के एक ज़ोर का धक्का लगा के आधे से ज़्यादा लंड निशा की मोटी गांड में पेल दिया.


निशा: “आआईईईआआआआआ……..ऊऊऊऊऊओ……….ईईस्स्स्स्स्स स.” निशा का दर्द के मारे बुरा हाल था.उसे पक्का विश्वास था कि आज तो फिर से उसकी गांड ज़रूर फटेगी, लेकिन पापा से गांड मरवाने की चाह ने उसे अँधा कर दिया था.


जगदीश राय: निशा बेटी जितना मज़ा तुम्हारी गांड मार के आ रहा है उतना मज़ा तो तुम्हारी मम्मी की गांड मार के कभी नहीं आया.” निशा को सबसे ज़्यादा खुशी इस बात की थी की उसको चोदने में पापा को मम्मी से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था. इस बार जगदीश राय ने पूरा लंड बाहर खीच कर एक ज़बरदस्त धक्के के साथ पूरा लंड जड़ तक निशा की गांड में पेल दिया.


निशा: “ऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईई………………आआआआआआआआआआ आ……..आआआआआअहह....मर गयी....ईीइससस्स”


अब जगदीश राय ने ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मार के लंड निशा के गांड के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था. हर धक्के के साथ उनके बॉल्स निशा की चूत पे चिपक जाते.पापा अब जोर जोर से निशा की गाँड मार रहे थे।साथ ही साथ चूत में भी अपनी ऊँगली पेलने लगे थे जिससे निशा एक बार फिर झड़ गयी.

पापा के धक्के अब तेज़ होते जा रहे थे और शायद वो झड़ने वाले थे. अचानक निशा को अपनी गांड में गरम गरम पिचकारियाँ सी महसूस हुई. पापा झड़ गये थे. निशा की गांड लाबा लब उनके वीर्य से भर गयी थी. उन्होने जैसे ही निशा की गांड से अपना लंड बाहर खींचा।


वीर्य गांड में से निकल कर निशा की चूत और जांघों पे बहने लगा. निशा पीठ के बल लेट गयी और अपनी गांड से निकला हुआ पापा का लंड अपने मुँह में ले लिया . पूरा लंड, बॉल्स और जांघें मेरी चूत के रस और उनके वीर्य के मिश्रण में सनी हुई थी. उनके लंड से मेरी चूत और गांड दोनो की गंध आ रही थी.निशा ने बडे प्यार से जगदीश राय लंड और बॉल्स को चाट चाट के सॉफ किया. पापा भी 3 घंटे से निशा को चोद रहे थे. वो भी तक कर निढाल हो गये थे।फिर निशा भी अपने कपडे पहन कर अपने रूम में सोने चली गई।

अगले दिन जगदीश राय लंच से पाँच मिनट पहले ही ऑफिस से छुट्टी लेकर घर आ गया था लेकिन आशा अभी नहीं आई थी।आशा को कॉल किया तो बोली 10 मिनट में आ रही हूँ।तब जगदीश राय ने बियाग्रा की 1 गोली खा ली।आज आशा से उसे बदला लेना था।


ठीक 10 मिनट बाद आशा आ गई।डोर बंद करके अंदर आते ही आशा ने अपने सभी कपडे उतार फेंके।वो अपने पापा के सामने पूरी नंगी थी।वो भी दिन में उसका नंगा बदन चमक रहा था।उसकी गांड में फँसी पुंछ को देखकर जगदीश राय का लंड फुंफकारने लगा।


जगदीश राय आशा के पास जाकर 1 हाथ से उसकी पुंछ और गांड सहलाने लगा।इधर आशा ने जगदीश राय के कपडे निकालने शुरू कर दिए।थोड़ी ही देर में वो भी आशा की तरह पुरे नंगे थे।अब आशा अपने पापा के आगे घुटनों पर बैठ गई और जगदीश राय के लंड को किसी कुतिया की तरह चाटने लगी।फिर आशा अपने पापा के लंड को मुँह में भर कर चूसने लगी।


जगदीश राय :आशा.... बेटी.... थोड़ा और अंदर लो बेटी… नाक से सासे लेती रहो .... 

आशा आँखो से हामी भरी …..

जगदीश राय धीरे धीरे लंड अंदर धकेलने लगा ...

आशा के गले की दीवारो पे उनका लंड ठोकरे मारने लगा ...

धीरे धीरे पूरा लंड आशा के मुह में घुस गया ...

उसे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था ...

जगदीश राय की झांटे आशा के नाक पे लग रही थी ...

आशा के गले में खराश होने लगी थी ...

लेकिन आशा मना भी नहीं कर पा रही थी ...

उसके मुँह से गुं गुं की आवाज निकलने लगी ...

जगदीश राय ने लंड वापस खींचा तो आशा ने सांस ली ...

थोड़ी देर बाद जगदीश राय ने अपना पूरा लंड फिर से आशा के गले तक उतारा ...और आशा के मुँह में पेलने लगा।


जगदीश राय के चहरे पे स्वर्गीय आनंद की अनुभूति दिख रही थी … 

कुछ देर आशा का मुह ऐसी ही चोदने के बाद जगदीश ने अपना लंड निकाल लिया …..

फिर जगदीश राय ने आशा को अपनी गोद में उठाया...

और पलंग पे ले गए …जगदीश राय अब पलंग पे बैठे थे ...और आशा उनकी गोद में ...फिर जगदीश राय ने आशा की गांड में घुसी पूँछ को सहलाने लगे।फिर धीरे धीरे उन्होंने आशा की गांड से पूँछ निकाल दिया।

आशा ने जगदीश राय को साफ मना कर दिया था चूत चोदने के लिए।इसलिए वो आशा की गांड में थूक लगाकर धीरे धीरे ऊँगली पेलने लगे।

उनका कठोर लंड आशा की चूत पे टकरा रहा था….

जगदीश राय आशा की चुचिया मसलते हुए उसके होठो को चुम रहे थे…..


जगदीश राय का लंड आशा की गाँड में घुसने के लिए….. बेक़रार था ।

उन्होंने आशा की टाँगे फैला कर … 

अपना लंड आशा की गाँड में पेल दिया 

आशा के मुह से सिसकी निकल गयी ।वह सिसियाने लगी ।

हाआआयय्य्य्य्य्य उफ्फ्फ्फ्फ़ स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स 

जगदीश राय का पूरा लंड अंदर घुसने के बाद उन्होंने धक्के लगाने शुरू किये 

आशा पापा के हर धक्के को कमर उचका कर जवाब देने लगी ।

जगदीश राय: लगता है बेटी तुमको पहले जैसा दर्द नहीं हो रहा ।

आशा: नहीं पापा … अब दर्द नहीं हो रहा … बहोत मजा आ रहा है .... और तेज करिये ना …...

जगदीश राय ने अपनी स्पीड बढ़ा दी ….

कुछ देर धक्के मारने के बाद वो रुके .... 

उन्होंने आशा को उठाया ……


और खुद निचे लेटे … अब उनका वो फौलादी लंड कुतुबमीनार की तरह खड़ा था 

जगदीश राय: आओ.... बेटी .... बैठो अपनी सवारी पर……

आशा उनकी दोनों ओर पैर रख कर खड़ी हुयी ……

एक हाथ से पकड़कर उनका लंड अपनी गाँड पर अड्जस्ट करके धीरे धीरे निचे बैठने लगी …...

अब उनका वो मोटा लंड पूरी तरह से आशा की टाइट गांड में कैद हो गया था ….

आशा पापा का लंड अंदर लेते लेते थक गयी थी 

सो लंड पूरा अंदर जाने के बाद में बैठे बैठे हांपने लगी 

आशा को आराम से बैठा देख उसके पापा बोले 

आशा बेटी .... सिर्फ बैठना नहीं है… जरा ऊपर निचे करो …मेरे लंड पर  

फिर देखना कैसा जन्नत का मजा आता है 

फिर आशा थोडी सी ऊपर हुयी … और निचे भी ….

धीरे धीरे उसकी स्पीड बढ़ती गयी 

उसके बाल बार बार चहरे पर आ रहे थे 

जगदीश राय ने उन बालो की लट को ठीक किया ….

आशा को बहोत ही मस्त लगा रहा था इसी मस्ती में उसके मुह से आहे निकल रही थी।

धीरे धीरे वह पापा के लंड पर उछलने लगी 

और उसकी आहे भी तेज होने लगी ।अब आशा पूरी तेजी से अपनी गांड अपने पापा के लंड पर पटक रही थी।लंड एक ही बार में आशा की गांड में पूरा घुस जाता और फिर अगले ही पल निकलने लगता।

10 मिनट घुड़सवारी करने के बाद आशा निचे उतरी ....फिर जगदीश राय ने बेड में सुलाकर आशा की गांड में लंड घुसाकर पेलते हुए बोला।

जगदीश राय: वाह क्या उछली हो मेरी जान … पूरी रंडी लग रही थी तुम….

आशा: छिः पापा … ये क्या आप मेरे लिए इतना गन्दा बोल रहे हो …..

जगदीश राय:इसमें गन्दा क्या है बेटी …… मैं तो तेरी तारीफ़ कर रहा हु …..

आशा: ऐसे करते है तारीफ।.... रंडी क्या अच्छा वर्ड है।


जगदीश राय: अरे बेटी कहा ये अच्छे बुरे के बारे में सोच रही हो ….चुदाई में कुछ गलत नहीं ….कुछ गन्दा नहीं होता।

आशा: … पर.... 

जगदीश राय: अरे बेटी .... एक अच्छी रंडी ही सबसे बेहतर चुदना जानती है ….. ये एक बहोत बड़ी कला है मेरी जान ….हाँ ये रण्डी वर्ड कुछ लोगो को बुरा लगता है……. पर बेटी चुदाई के समय ऐसे शब्द यूज़ करना बड़ा अच्छा लगता है ….

आशा: अगर आपको अच्छा लगता है … तो … आप मुझे जो चाहे बुलाओ…..

जगदीश राय: हाय मेंरी प्यारी बिटिया।… 

आशा: हा मेरे प्यारे पापा …… अपनी इस रंडी से टूट के प्यार करो … चोद डालो अपनी इस रंडी को ….

जगदीश राय:आशा … तू भी मुझे गालिया दे तो और भी मजा आएगा … 

आशा: तो मैं क्या आपसे डरती हु क्या … आप भी तो बेटीचोद …..हो।अपनी दो दो बेटियों को चोद रहे हो।

 

जगदीश राय: वाह मेरी रंडी साली.... मजा आ गया ….

तेरी गांड में जो मज़ा है।वो किसी में नहीं है।कितनी गरम और टाइट गांड है तेरी।कितना भी पेलो तुझे फर्क नहीं पड़ता।साली तेरी कुँवारी चूत में जिसका लंड पहली बार जाएगा वो कितना लकी होगा।


आशा:और जोर से पेलो पापा।आप भी कम लकी नहीं हो।आपको मेरी कुँवारी गांड मिली।चूत भी चूस लेते हो।जीभ से चोद भो देते हो।मेरी चूत में ऊँगली भी घुसा देते हो।और मेरे मुँह को तो चूत की तरह चोदते हो और आपको क्या चाहिए पापा।

और आज तो आपने मुझे अपनी रंडी भी बना दिया


जगदीश राय:ठीक है मेरी रांड।आज से तू मेरी पर्सनल रांड है।अब तू साली कुतिया बन जा।आज मैं तेरी गाँड को इतना फाडूँगा की उसमे से आज फिर खून निकल जाए।तू दर्द से चीखने लगे।


आशा बेड से निचे उतरकर अपने पापा के लंड को पकड़कर हिलाने लगती है।लंड आशा की गांड से निकला था।वो रस में भीगा पिला रंग का हो गया था।लेकिन आशा ने लंड को अपने मुँह में भर लिया और चुसने चाटने लगी।जगदीश राय भी मस्ती में भरकर आशा के मुँह को चोदने लगा।


कुछ देर बाद जगदीश राय ने निशा को कुतिया बना दिया।


जगदीश राय: हाँ बेटी अब मैं तुम्हे अपनी फेवरेट पोजीशन में चोदूंगा .... 

आशा : तो चोदो न पापा .... 

जगदीश राय: लेकिन इसबार तुम्हें बहोत दर्द हो सकता है ।क्योंकि इस बार तुम्हारी गांड फाड़ने का मन कर रहा है … 

आशा : आप उस की चिंता मत करो पापा …आप मुझे जैसे चाहो वैसे चोदो …… मेरे दर्द की परवाह मत करो 


जगदीश राय ने आशा को खीच के गले लगाया उसे चूमा …...

बाद में उन्होंने आशा को पलंग को पकड़ कर कुतिया जैसा खड़ा किया ….

आशा की टाँगे फैला दी…..

और खुद उसकी गांड के पीछे खड़े हुए …… 

उन्होंने अपना लंड आशा की गांड के भूरे छेद पे रगड़ा… 

और अचानक एक करारा धक्का दे कर आधा लंड अंदर पेल दिया …..

आशा इस अचानक हमले के लिए तैयार नहीं थी ….

वह गिरते गिरते बची …..

फिर जगदीश राय ने झुककर आशा की चुचिया थामी … और उसे पीछे खींचा।

जगदीश राय ने बेदर्दी से आशा की चूचियोंको मसलना शुरू किया बिलकुल रफ तरीके से। 

आशा के मुह से जोरो की आह निकल गयी 

ओफ्फ्फ्फ्फ्फ़ ह्म्म्म्म्म्म पापा हाय्य्य्य्य्य्य्य 

जगदीश राय: साली रंडी अभी तो शुरू भी नहीं किया है … अभी इतना तड़प रही है तो आगे क्या होगा।

आशा: नहीं पापा कुछ नहीं हुआ है .... आप आगे बढ़ो 

और आशा ने अपनी गांड उभार के दिखाई 

जगदीश राय गांड पे थप्पड लगाते बोले…. "वाह….. बेटी…...ये हुयी ना बात।और अपनी गांड पीछे कर।


फिर उन्होंने एक और तेज झटका मार के पूरा के पूरा लंड आशा की गाण्ड में घुसा दिया। 

आशा अपने होठ दबा रखे थे .... वह चाहती थी की उसके मुह से कराह न निकले। 

फिर जगदीश राय ने आशा की कमर थामी 

और लंड आगे पीछे करके आशा की गांड में अपना 9 इंच का लंड पेलने लगे ।

धीरे धीरे वो अपनी स्पीड में इजाफा कर रहे थे 

कुछ ही देर में उनकी स्पीड इतनी बढ़ गयी .... 

की उनके हर धक्के से आशा तो हिल ही जाती लेकिन साथ साथ पलंग भी चरमरा जाता।साथ ही साथ थप्पड़ मार मार के उन्होंने आशा के चुचड़ पुरे लाल कर दिए थे।इतनी बुरी तरह से आज पहली बार उन्होंने आशा की गांड मारी थी। 

अब दोनों खड़े खड़े पसीने में भीग गए थे 

जगदीश राय ने खूब धक्के लगाये। … 

आशा इस धुँवाधार चुदाई में दो बार झड़ी थी 

जब जगदीश राय को लगा की वो झड़ने वाले है … 

वो बोले " बेटी.... अब मैं झड़ने वाला हूँ। .... 

आशा: तो झड़ियें ना पापा … आप के माल से मेरी गाण्ड भर दो पापा ।

जगदीश राय: मैं तुम्हारे मुह में झड़ना चाहता हु साली रंडी।मुह खोल के बैठ साली कुतिया … 

आशा सीधी हुयी और बोली " तो डाल दो न पापा … आपका लंड अपनी रंडी बेटी के मुँह में ।

आशा उनके आगे घुटनो पर बैठी 

उनका लंड हाथ में लेकर उसे चाटने और चूसने लगी। 

और उसी समय जगदीश राय नेअपना लंड आशा के मुह में घुसाया ….और उसका सर पकडे वो आशा के मुह को चोदने लगे...

आशा उनकी आँखों में आँखे डाले उन्हें देख रही थी ...

उनके चहरे के हाव भाव से उसे पता चला की अब वो झड़ने की कगार पर है ...

तो आशा ने अपनी मुट्ठी उनके लंड पर कसी और चूसने लगी ...

आशा के चूसते चूसते ही.... उसके मुँह में उसके पापा के वीर्य की बौछार होने लगी ...कुछ भीतर मुह में जा रहा था ।पापा का वीर्य इतना ज्यादा था की कुछ वीर्य आशा मुह से टपक रहा था ….

वीर्य की आखरी बून्द तक वह चूसती रही ।


आशा लगभग सारा वीर्य गटक गयी …फिर भी थोडा सा उसके होठो के आसपास और उसकी ठुड्डी पर लगा था। पापा के वीर्य की टेस्ट आशा बहोत अच्छी लगी ….

आशा ने अपने होठो पे जीभ घुमाकर इदर उधर लगा माल चाट लिया… 

फिर पापा और आशा पलंग पर लेटे आराम करने लगे…

और हम एकदूसरे की बाहो में समां गए…. 

कुछ देर तक युही ख़ामोशी से पड़े रहने के बाद पापा बाते करने लगे …..

जगदीश राय : सॉरी बेटी मैंने तुमको गाली दिया।

आशा:कोई बात नहीं पापा।रफ सेक्स में गाली सुनने में भी मज़ा आता है।

जगदीश राय:कैसा लगा आशा बेटी…..

आशा: आपने तो मेरी जान ही निकाल दी थी पापा .... 

जगदीश राय: इतनीसी चुदाई से जान नहीं निकलती मेरी जान … चुदाई का मजा आया की नहीं …..

आशा:मुझे भी बाद में बहुत मज़ा आया पापा।





कुछ देर बाद आशा बोली- चलो पापा, खाना खा लेते हैं.

जगदीश राय- ठीक है लेकिन हम लोग ऐसे ही नंगे रह कर खाना खाएंगे और तू मेरी गोद में बैठकर खाना खाएगी. मेरा लंड भी खाते वक़्त तेरी गांड में रहेगा।

तुझे खाने के साथ मेरी आइसक्रीम भी खानी पड़ेगी.. मंजूर है!

आशा बोली- ठीक है पापा आज आप जो कहोगे, वह मैं करूँगी.


फिर दोनों ने मिल कर टेबल पर खाना सजाया.जगदीश राय ने अलग से फ्रिज से आइसक्रीम भी निकाल कर सजा दी.जगदीश राय ने आइसक्रीम को आशा की चूचियों पर लगा दिया और चूचियों को चूसने और चाटने लगा . आशा भी बहुत गर्म हो गई थी.पूरा आइसक्रीम चाटने तक जगदीश राय चूचियों और निप्पलों को काटता रहा ,चूसता रहा।

जगदीश राय ने कुछ आइसक्रीम अपने लंड पर भी लगा दी और आशा को चूसने का इशारा किया.आशा आइसक्रीम के साथ साथ जगदीश राय के लंड को भी चूस रही थी. फिर कभी कभी आइसक्रीम वह उसके होंठों पर भी लगा देता था और दोनों फ्रेंच किस करने लगते. जगदीश राय आइसक्रीम के साथ साथ आशा के चेहरे को भी चूस और चाट रहा था।



अब जगदीश राय आशा की गाँड में उंगली डालने लगा. वह पूरी तरह से गर्म हो गई थी. जगदीश राय का भी लंड पूरा खड़ा हो गया था. जगदीश राय ने कहा- तुम मेरे लंड पर अपनी गांड चौड़ी करके बैठ जाओ. उसके बाद हम लोग खाना खाते हैं.


आशा अपनी गांड में अपने पापा का लंड लेकर उनकी गोद में बैठ गई. उसकी गाँड में जगदीश राय लंड अन्दर तक घुस गया. अब दोनों खाना खाने लगे.


आशा बोली- बहुत दर्द कर रहा है पापा. लेकिन जगदीश राय उसके चेहरे को चूसते हुए नीचे से धीरे-धीरे उसकी गाण्ड में लंड की ठोकर मारता रहा.इसी तरह चुदाई करते हुए दोनों ने खाना खा लिया था.


कुछ देर बाद जगदीश राय ने उसे टेबल के सहारे झुका के कुतिया बना दिया और उसकी गाँड मारने लगा. कुछ ही देर में आशा झड़ गई.जगदीश राय जोर-जोर से उसकी गाँड में अपना लंड पेलता रहा. कुछ देर बाद जगदीश राय का वीर्य निकलने वाला था तो उसने अपना वीर्य आइसक्रीम में गिरा दिया और अपनी बेटी को बोला कि वह मेरा पूरा वीर्य आइसक्रीम के साथ चाट जाए.

आशा भी पूरी गर्म थी, वो आइसक्रीम के साथ अपने पापा लंड भी चाट रही थी.वो पूरा वीर्य और आइसक्रीम चाट के खा गई।


एक ही दिन में जगदीश राय ने आशा को पूरा रंडी बना दिया था. इस वक्त आशा एक कुतिया की तरह अपने बाप के लंड के रस को आइसक्रीम के साथ चाट कर खा गई।

फिर हम लोग नंगे ही आराम करने लगे.

Contd...




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