प्रस्तावना
दोस्तों काफ़ी वक़्त के बाद हाजिर हूँ.
जैसा की आपने पीछले भाग मे पढ़ा अनुश्री और मंगेश का हसीन सफर कैसे एक क्राइम मे बदल गया.
हम लोग हनीमून मनाने के इरादे से पूरी (ओड़िशा ) की यात्रा पर निकले थे, जहाँ हमारी दोस्ती राजेश और उसकी माँ रेखा से हो गई,
अनुश्री इस सफर मे पूरी तरह बदल के रह गई, वो बहक गई है.
ना जाने उसके दिल मे मेरे लिए प्यार बचा भी या नहीं मैं नहीं जानता.
बहुत सारे सवाल अधूरे रह गए, कहानी उलझती ही चली गई, कहाँ अनुश्री मौज मस्ती के लिए पूरी (ओड़िसा ) आई थी और कहाँ अब यहाँ रुके रहना उसकी मज़बूरी बन गया है.
बंगाली बंधु भी कुछ रहस्यमयी मालूम पड़ते है.
अनुश्री का पति मंगेश यानि की मैं जेल मे हूँ.
ये इंस्पेक्टर एंडी कोई सही आदमी नहीं लगता है मुझे.
आखिर मेरा और अनुश्री का तो कोई लेना देना ही नहीं है इन सब से.
किस मनहूस घड़ी मे हम लोग घर से निकले थे, क्या मेरी बीवी अनुश्री इस मायाजाल को सुलझा बाहर निकल पायेगी?
सवाल बहुत है, जवाब शायद अनुश्री ही तालाशें?
आखिर मांगीलाल को मारा किसने?
कुछ ही दिनों मे मिलता हूँ पहले अपडेट के साथ.
धन्यवाद
1 Comments
Awesome restart
ReplyDelete