अपडेट -27, मेरी बेटी निशा
ऐसे ही मस्ती में दिन बीत रहे थे की एक दिन सुबह सशा के कमरे के बाहर से गुजर रहा था की उसे फोन पर बात करने की आवाज सुनाई दी।
सशा : नहीं....नहीं सर प्लीज्जज्जज्जज्ज सर।
फिर उधर से कुछ कहा गया।
सशा:प्लीज सर......ओके मैं आ रही हूँ।
इतना सुनकर जगदीश राय को शक हो गया की जरूर दाल में कुछ काला है।वह निशा को ऑफिस जाने को कहकर जल्दी ही घर से निकल गया।बाहर आकर मेन रोड पर एक दुकान में बैठकर चाय पिने लगा।
कुछ ही देर बाद सशा घर से स्कूल ड्रेस में जाती दिखाई दी।जबकि अभी स्कुल जाने में बहुत देर था।इतना पहले वह क्यों जा रही है।जगदीश राय उसका पीछा करने लगा।स्कूल ज्यादा दूर नहीं था।यही कोई 1 किलोमीटर।सशा स्कूल में घुस गई अभी स्कूल में कोई नहीं आया था।
सशा सीधे ऊपर चली गई।ऊपर लिखा था ओनली फॉर स्टाफ।जगदीश राय भी छुपकर ऊपर चला गया।वह धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था।तभी उसे शशा की आवाज एक कमरे से सुनाई दी।जगदीश राय ने जल्दी से अपने मोबाइल को साइलेंट किया और उसकी कैमरे की लाइट बंद करके कैमरा चालू कर दिया।फिर वह उस रूम की खिड़की तक पहुँचा और खिड़की की झिरी से देखा की एक 50 की उम्र का आदमी खड़ा था।वह सशा का टीचर था और शशा उसके आगे बैठकर उसका लंड सहला रही थी।
खिड़की पुरानी थी जो लकड़ी की बनी हुई थी इसलिए उसमे झिरी बन गई थी।जगदीश राय ने खिड़की को थोडा सा दबाया तो मालूम पड़ा की वह खुली हुई थी।उसने मोबाइल का वीडियो कैमरा चालू करके उनलोगो के तरफ करके मोबाईल अंदर रख दिया।
फिर दरार से देखने लगा।अब टीचर ने सशा को अपने लंड को चूसने को बोला।लेकिन सशा बार बार मना कर रही थी।लेकिन जब टीचर ने गुस्से में धमकी दिया तो सशा मज़बूरी में उसका लंड चूसने लगी।अब वह टीचर साशा के बालों को पकड़कर उसके मुँह में अपना लंड पेलने लगा।
साथ ही साथ उसने सशा की स्कर्ट के बटन को खोलकर उसकी छोटी छोटी चूचियों को भी मसलने लगा।अब सशा भी धीरे धीरे गरम होने लगी थी क्योंकि अब वह भी उसके मोटे लंड को मज़े से चूस रही थी।टीचर तो इतना गरम हो गया था की सशा के मुँह में ही झर गया।जिसे साशा ने फर्श पर थूक दिया।और अपने कपडे ठीक करके बाहर निकल गई।
जगदीश राय ने भी अपना मोबाइल निकाला और छुपते छुपाते स्कूल से बाहर निकल गया।आज उसका ड्यूटी जाने का मन नहीं था।इसलिए वह घर आ गया।घर पर कोई नहीं था।निशा और आशा कालेज चली गई थी।और सशा के पास से आ ही रहा था।
अपने रूम में आकर उसने वीडियो देखा तो वीडियो पूरा क्लिअर था।लेकिन वह समझ नहीं पाया की यह टीचर उसकी बेटी को कैसे ब्लैकमेल कर रहा है।वह आराम करने लगा।तभी लांच टाइम पर दरवाजे खुलने की आवाज़ आई तो जाकर देखा तो सशा आ गई थी
जगदीश राय:अरे बेटी तुम इतना जल्दी कैसे आ गई।
तबियत तो ठीक है ना।
सशा: पापा मेरा सर थोडा भारी था।इसलिए आ गई।
लेकिन आप आफिस नहीं गए।
जगदीश राय:सुबह गया था बेटी।आज जल्दी काम खत्म हो गया तो चला आया।तुम फ्रेश हो के आओ।मुझे तुमसे कुछ काम है।
साशा:ओके पापा।अभी आती हूँ।
सशा 10 मिनट बाद फ्रेस होकर आ जाती है।जब जगदीश राय पहले पढाई के बारे में बात करता है।फिर धीरे धीरे सशा से असली बात पर आता है।
जगदीश राय:देखो बेटी।तुमको कोई भी प्रॉब्लम है मुझे बताओ।मैं तुमको कुछ नहीं बोलूंगा।लेकिन जब बार बार पूछने पर सशा कुछ नहीं बताती तो जगदीश राय
अपनी मोबाइल में का वीडियो दिखाता है।जिसे देखकर साशा अपना सर निचे झुका लेती है और फुट फुट कर रोने लगती है।
जगदीश राय सशा को बाँहो में भर लेता है और उसे चूमते हुए चुप कराने लगता है।धीरे धीरे सशा चुप हो जाती है।तब जगदीश राय उससे पूछता है की किस मज़बूरी में वह ऐसा कर रही थी।तब सशा बताने लगती है।
एक हफ्ते पहले की बात है।एक लड़का बहुत दिनों से मेरे पीछे पड़ा हुवा था।रोज मेरा पीछा करता।मुझसे बात करने की कोशिश करता।हर समय मुझे देखकर मुस्कुरा देता।लेकिन मुझे कोई असर नहीं हुवा लेकिन 3-4 दिन पहले रात को मेरी नींद खुल गई।मुझे जोरो से पेशाब लगी हुई थी।जब मैं पेशाब करके आ रही थी तो निशा दीदी की आवाज आपके कमरे से सुनाई दी तो मैंने की होल से देखा की आप और दीदी सेक्स कर रहे थे।
वो देखकर मैं काफी गरम हो गई थी।इसी का असर था की मैंने उस लड़के से दोस्ती करना चाहती थी।ताकि मैं अपनी प्यास बुझा सकूँ।मुझे वह अच्छा लगता था इसलिए मैंने भी उसे देखकर मुस्कुरा दिया।फिर एक दिन उसने मुझे एक लेटर दिया और मुझे स्कुल शुरू होने के 1 घंटे पहले मुझे स्कुल के पीछे मिलने को बुलाया।
जाने क्या मन में आया की मैं उससे मिलने चली गई।
स्कुल के पीछे जब मैं उस लड़के से मिली तो उसने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे होंठो और गालों को चूमने लगा।फिर उसने मेरी स्कर्ट उठाकर मेरे मम्मो को भी चूसने लगा।जब मुझे होश आया तो मैंने उसे धक्का दिया और वहाँ से भाग आई।लेकिन बाद में मुझे मालूम चला की उस टीचर ने खिड़की से पूरी वीडियो शूट कर लिया था।जिसमे बहुत साफ साफ वीडियो था।
बाद में उस टीचर ने मुझे बुलाया।और मुझे वो वीडियो दिखाया तो मेरे होश उड़ गए।तब से वह मुझे ब्लैकमेल कर रहा है।
जगदीश राय:अब तक कितनी बार तुमको बुलाया है।
सशा :आज तीसरा दिन था।लेकिन असली प्रॉब्लम संडे को है।उसने मुझे धमकी दी है की संडे को किसी बहाने उसके घर जाना है।उसकी बीबी उस दिन अपने घर जाने वाली है।नहीं जाने पर वो वीडियो नेट पर डाल देगा।ये बोलकर फिर सशा रोने लगती है।
जगदीश राय:फिर जगदीश राय सशा को चुप कराने लगता है।अच्छा बेटी तुमने बोला नहीं वो वीडियो डिलीट करने के लिए।
साशा : बोला था पापा।लेकिन वो बोल रहा है की संडे को मेरे घर आओ।अगर तुमने मुझे खुश कर दिया तो वो वीडियो डीलीट कर देगा।वो मेरे साथ सेक्स करना चाहता है पापा।
जगदीश राय:तुम चिंता मत करो बेटी।मैं। हूँ ना।
मैं आज ही वो वीडियो आज ही लाकर तुम्हे दूंगा।तुम अपने हाथो से डिलीट करना।तुम्हे इतनी बड़ी प्रॉब्लम से निकालूँगा।तो बदले में मुझे क्या मिलेगा।
सशा:आप जो बोलोगे मैं वो करुँगी पापा।आज के बाद आपको शिकायत का मौका नहीं दूंगी।यह कहकर अपने पापा से लिपट जाती है और उनके गालो पर किस करके चली जाती है।
जगदीश राय सोच में गुम हो जाता है।कुछ देर सोचने के बाद उस वीडियो की 2 मिनट का एक पार्ट अलग करता है जिसमे लड़की का चेहरा नहीं दीखता।सिर्फ टीचर का चेहरा दीखता है और कोई स्कुल ड्रेस पहने लड़की उसका लंड चूस रही है।ये साफ दिख रहा है।उस वीडियो को वह उस टीचर के व्हाट्सअप पे भेज देता है और लिख देता है की 1 घंटे के अंदर शहर के बाहर एक ख़ाली मकान में बुलाता है।
साथ में धमकी भी दे देता है की किसी को खबर की तो ये वीडियो स्कुल के प्रिंसपल और पुलिस के पास भेज दुँगा।टीचर डर जाता है।वह जाकर उस मकान के बाहर खड़ा हो जाता है।
अंदर से जब जगदीश राय देखता है वह अकेले आया है तो वह नकाब पहन कर खिड़की से कड़क आवाज़ में उस टीचर से उसकी मोबाइल मांगता है।जब टीचर अपना मोबाइल देता है तो जगदीश राय उसका कोड मालूम कर लेता है उसका सिम निकालकर दे देता है ।जगदीश राय मोबाइल चेक करता है तो वो वीडियो मिल जाता है और मोबाइल अपने पास रख लेता है और बोलता है।
जल्दी से भाग जा यहाँ से नहीं तो मेरे आदमी तुझे गोली मार देंगे।आज के बाद किसी लड़की को ब्लैकमेल किया तो वो दिन तेरी ज़िन्दगी का आखिरी दिन होगा।
भाग साले जल्दी।
टीचर वहाँ से ऐसे भागता है जैसे उसके पीछे भुत लग गए हो।फिर जगदीश राय पीछे से निकालकर अपने घर आ जाता है।
घर आकर अपने रूम में जब वो वीडियो देखता है तो अपनी छोटी बेटी की संतरे जैसी चूचियों की चुसाई देखकर उसका लंड खड़ा हो जाता है।
फिर जगदीश राय ने सशा को बुलाया।जब सशा आ गई तो जगदीश राय ने वो मोबाईल दिखाया।देखो बेटी यही मोबाईल है ना।सशा ख़ुशी के मारे अपने पापा से लिपट गई और बोली।जल्दी से वो वीडियो डिलीट करो पापा।
प्लीज।
जगदीश राय:पहले देख तो लो वो वीडियो है की नहीं।फिर जगदीश राय ने गैलरी खोला और वो वीडियो चला दिया।वीडियो देखते ही सशा शरमा गई।
साशा: प्लीज पापा जल्दी डिलीट करो ना।
जगदीश राय:अरे बेटी पूरा तो देखने दो।मैं भी तो देखूं मेरी बेटी कितनी सुन्दर है।
सशा:प्लीज पापा।
जगदीश राय:ओके बेटी ओके।पहले मेरी बात ध्यान से सुनो। सशा बेटी तुम जानती हो कि निशा और मैं सेक्स करते हैं लेकिन यह नहीं जानती कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं मैं अपनी दोनों बेटियों के साथ सेक्स करता हूं क्योंकि अगर मैं उनके साथ सेक्स नहीं करूंगा तो वह भी किसी ना किसी के पास अपनी जिस्म की आग शांत करने के लिए जाएगी।
फिर वह दोनों भी तुम्हारी तरह किसी न किसी तरह के चक्कर में फस जाएगी हो सकता है । सेक्स करते समय कोई आदमी इन लोगों का वीडियो बना ले तो समझ लो हमारी कितनी बदनामी होगी हम लोगों में से किसी के पास भी कोई ऑप्शन नहीं बचेगा ।
आजकल हर जगह यही चल रहा है किसी ना किसी लड़की का रोज नेट पर सेक्स का वीडियो अपलोड हो रहा है इसीलिए मैं चाहता हूं कि भले ही हम लोग घर में कुछ भी करें लेकिन बाहर हमारी इज्जत खराब नहीं होनी चाहिए हम लोग घर में ही एक दूसरे की आग को शांत कर सकते हैं तुम दोनों से छोटी हो अभी तुम्हारी शादी होने में बहुत टाइम बाकी है इसीलिए मैं चाहता हूं की तुम अभी इस चक्कर में कम रहो ।
अगर तुम्हें कभी अपने जिसमें गर्मी महसूस हो तो मेरे पास आकर अपनी गर्मी शांत करना मेरे साथ तुम्हारा रिश्ता बहुत दिन तक चलने वाला है क्योंकि तुम्हारी शादी सबसे बाद में होगी मैं चाहता हूं कि तुम्हारी दोनों बहनों की ठीक से शादी हो जाए फिर हम दोनों जिंदगी के मजे लेते रहेंगे फिर जब तुम कहोगी तो तुम्हारी शादी तुम्हारी पसंद के लड़के से कर दूंगा।
सशा: ठीक है पापा अगर आप ऐसा सोचते हैं तो यह भी ठीक ही है मैं भी एक बार फंसकर जान चुकी हूँ कि आप जो बोल रहे हैं वही सही है।
जगदीश राय: देखो बेटी पहली बार सेक्स करते समय थोड़ा सा दर्द होता है तुम सिर्फ उस दर्द को बर्दाश्त कर लेना उसके बाद तुम्हें अपनी जिंदगी का सबसे ज्यादा मजा महसूस होगा।
तुमको मुझसे एक वादा करना होगा कि तुम आज जो हुआ वह या तुम अपने सेक्स वाली बात किसी को भी नहीं बताओगी अपने दोनों बहनों को भी नहीं मैं भी जानता हूं कि यह मुश्किल है लेकिन मैं भी तुम्हारी चुदाई की सभी बातें किसी को नहीं बताऊंगा।
तुम्हारी दोनों दिदियों में से किसी को भी नहीं यह सिर्फ हमारे पास राज रहेगा तुम उनके सामने कभी भी शो मत करना कि मेरे साथ तुम्हारा कोई गलत रिश्ता है अगर तुम मुझे आशा या निशा के साथ देखोगी कुछ भी करते हुए तो तुम उसको इग्नोर कर देना।
सारी बाते समझकर जगदीश राय वो वीडियो डिलीट कर देता है।फिर दोनों उस मोबाइल को चेक करते है उसके बहुत सारी ब्लू फिल्म थी।जिसमे बाप बेटी भाई बहन जैसी ब्लू फिल्में थी।जगदीश राय एक बाप बेटी की फ़िल्म प्ले कर देता है जिसे देखकर सशा गरम होने लगती है।
फ़िल्म बहुत ही गरम था।जिसे देखकर जगदीश राय का लंड पूरा रॉड बन जाता है।वह अपना लंड निकालकर सशा के हाथों में पकड़ा देता है।
सशा अपने पापा का लंड अपने हाथों में सहलाने लगती है उसको बहुत शर्म लग रहा था लेकिन ब्लू फिल्म देख कर वह बहुत गर्म हो चुकी थी।
वह धीरे से नीचे बैठ जाती है और अपने पापा के लंड को अपने कोमल हाथो से सहलाने लगती है जगदीश राय धीरे धीरे सशा के कपड़े निकालने लगता है।
वह सशा को पूरी नंगी कर देता है सशा की सूचियां बहुत ही मस्त थी जगदीश राय उसे मसलने लगता है फिर जगदीश राय अपने भी सारे कपड़े उतार देता है।
अब सशा ने जगदीश राय के लंड को थाम दुसरे हाथ से उसके सुपाडे को बहुत कोमलता से सहलाया ,
“आआह्ह्ह्ह... सशा" जगदीश राय के मुंह से एक हल्की सिसकारी निकल गयी।
सशा ने एक बार लंड की त्वचा को देखा और फिर जगदीश राय के चेहरे की तरफ देखते हुए नीचे झुककर अपने नर्म मुलायम होंठ उसके खड़े लंड के सुपाडे पर रख दिए
“उंहहहहह्ह्ह्हह”जगदीश राय धीमे से आहे भरने लगा
सशा के नाज़ुक गरम होंठ बहुत ही कोमलता से लंड की नर्म त्वचा को जगह जगह चूम रहे थे , धिमे धीमे लंड की कोमल त्वचा पर पुच पुच करती वो चुम्बन लेने लगी, जगदीश राय को अपनी बेटी के नाज़ुक होंठों का स्पर्श उस संवेंदनशील जगह पर बहुत ही प्यारा महसूस हो रहा था।
“हाँ .......बेटी....... बहुत अच्छा लग रहा है” जगदीश राय की बात सुन सशा के होंठों पर भी मुस्कान फ़ैल गयी, जगदीश राय की बात से थोडा उत्साहित होकर सशा और भी तेज़ी से लंड के सुपाडे को चूमने लगी, कुछ ही पलों में जगदीश राय अपनी बेटी के होंठों के स्पर्श के उस सुखद एहसास में डूबने लगा।
“आआहह... बेटी... प्लीज बेटी ऐसे ही करते रहो” सशा तो जैसे यही सुनना चाहती थी , उसने लंड को ऊपर उठाया और जड़ से लेकर टोपे तक लंड पर चुम्बनों की बरसात कर दी , फिर उसके होंठ खुले और उसकी जीभ बाहर आई , उसने जीभ की नोंक से लंड की त्वचा को सहलाया , गीली नर्म जीभ का एहसास होते ही जगदिश् राय के मुख से खुद ब खुद सिसकारी निकल गयी, सशा की जीभ उस सिसकी को सुन और भी गति से लंड की निचली त्वचा पर रेंगने लगी, परन्तु उसे थोड़ा सा अजीब सा भी महसूस हो रहा था, उसे लग रहा था कि मानो जगदीश राय के लंड पर कोई द्रव लगा था जो बाद में सुख गया था और उसका अजीब सा पर अच्छा स्वाद सशा को अपनी जीभ पर महसूस हो रहा था, पर उसने इसकी ओर ज्यादा ध्यान नही दिया और लंड चुसाई में लगी रही।
“अह्ह्हह्ह्ह्ह ............बेटी बहुत अच्छा लग रहा है.. बहुत........बहुत मज़ा आ रहा है” जगदीश राय के मुख से लम्बी लम्बी सिसकारियां निकलनी शुरू हो गयी थी, अपने पापा के मुख से आनंदमई सिसकी सुन सशा के होंठों की मुस्कान उसके पूरे चेहरे पर फ़ैल गयी, उसकी जीभ अब सिर्फ सुपाडे पर ही नहीं बल्कि उसके आस पास तक घूम रही थी , सशा बेपरवाह अपनी जीभ लंड की जड़ से लेकर सिरे तक घुमा रही थी
जगदीश राय के लिए तो ये एक जबरदस्त मज़ा था , इस मज़े से उसकी हालत खराब होती जा रही थी , पूरे जिस्म में गर्मी सी महसूस होने लगी थी , उसके लंड का तनाव पल पल बढ़ता ही जा रहा था।
जैसे जैसे लंड का आकार बढ़ता जा रहा था, वैसे वैसे सशा की जीभ की स्पीड बढती जा रही थी , लंड का कठोर रूप अब उसके सामने था और वो रूप उसके तन बदन में आग लगा रहा था , उसके पूरे बदन में होने वाली झुरझुरी उसकी हवस को बयां कर रही थी , उसका अंग अंग फड़कने लगा था।
धीरे धीरे उसकी चूत में रस बहना चालू हो चूका था , वो अपने आप पर काबू खोती जा रही थी , उसकी सांसें गहरी होती जा रही थी और उसका सीना उसकी साँसों के साथ तेज़ी से ऊपर निचे हो रहा था , बदन में कम्कम्पी सी दौड़ रही थी।
इधर जगदीश राय का लंड पूरा कड़क हो चूका था, अब सशा से और बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा था और उसने अगले ही पल झट से जगदीश राय के लंड के सुपाडे को अपने रसीले होंठों में भर लिया और अपनी जीभ उस पर रगडते हुए उसे जोर जोर से चूसने लगी ,जगदीश राय के आनंद में कई गुना बढ़ोतरी हो गई थी, अपने पापा के मुख से निकलती ‘अह्ह्ह्ह- अह्ह्ह्ह’ ‘उफ़’ ने सशा को और भी उतेजित कर दिया , धीरे धीरे उसके होंठ लंड के ऊपर की और जाने लगे , जैसे जैसे सशा के होंठ ऊपर को बढ़ रहे थे, दोनों बाप बेटी की साँसे और सिसकियाँ गहरी होती जा रही थीं ,
सशा के होंठ अब सुपाड़े के नीचे वाले हिस्से की भी सवारी करना शुरू कर चुके थे।
अगले ही पल वो हुआ जिसकी आशा में जगदीश राय और सशा दोनों का बदन कांप रहा था, बुखार की तरह तप रहा था , सशा के होंठ अपने पापा के लंड के चारों और बुरी तरह कस गए , और जगदीश राय के लंड का आधे से ज्यादा हिस्सा सशा की गले की गहराइयों में ओझल हो चुका था।
जगदीश राय को लगा शायद वो गिर जाएगा और उसके बदन ने एक ज़ोरदार झटका खाया।
“आहह्ह्ह... म..उफफ्फ्फ्फ़”जगदीश राय सुपाड़े की अति संवेदनशील त्वचा पर अपनी बेटी की रसीली जीभ की रगड़ से कराहने लगा , उसके हाथ ऊपर उठे और अपनी बेटी के सर पर कस गए।
Contd..
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