अपडेट -4
अरे मोहित साहब आज इधर कैसे आना हुआ आप तो शाम को आते थे आज दिन में ही " पास आकर राजबीर ने कहा !
"नहीं बस ऐसे ही आज छुट्टी थी तो सोचा थोड़ा घूम आऊं" मैंने उसे टरकाना चाहा
"चलो वहां पर बैठते है ! आप भी ठीक टाइम पर आये हो या फिर सुदर भाई ने आप को फोन करके बुलाया है " उसने आँख मारते हुए कहा !
"सुन्दर ने क्यों क्या हुआ " मैंने उससे सवाल किया !
"आप तो ऐसे कह रहे है जैसे आप को पता ही नहीं " उसने भी मुझसे सवाल किया
"नहीं सच में मैं कुछ नहीं जानता " मुझे कुछ शक सा हुआ !
"तो आप फिर इधर आओ पम्प हॉउस से दूर बैठते है " उसने मेरा हाथ पकड़ते हुए कहा !
"नहीं मुझे बता क्या हुआ " मैंने भी उसे धमकाया !
"चलो तो सही बताता हूं "
हम दोनों वही सामने एक बेंच पर बैठ गए में सुनने को बेताब था शक तो मुझे था
"वो ऐसा है साहब सुन्दर भाई एक जुगाड़ लाये है " उसने धेरे से कहा !
"क्या " में चौका !
"हा भाई एक मस्त सा जुगाड़ है मतलब एक बंदी लाये है ! और उसके साथ अन्दर है अभी"
"कैसी बंदी है मुझे भी बता " मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर पुछा !
"भाई मस्त है मत पूछ भरी भरी बदन वाली है ! देखते ही किसी का भी खड़ा हो जाये " उसने अपनी पेंट पर हाथ रगड़ते हुए कहा !
"अच्छा क्या पहना है उसने " मैंने उसे कुरेदा !
"भाई साड़ी पहन कर आई है ! और साड़ी भी ऐसी है की आधा शारीर तो नंगा ही चमक रहा है बहुत ज्यादा रेट लिए होंगे इसने "
मेरा शक यकीं में बदल गया अन्दर सोनिया ही थी चुदने की तड़प उसे यहाँ भी ले आयी !
"अच्छा यार मेरा एक काम करेगा मुझे यार एक बार देखना है की अन्दर क्या हो रहा है "
"नहीं सुन्दर भाई को पता चल गया तो बुरा मान जाएँगे"
"यार में भी तो सुन्दर भाई का ही दोस्त हूं न ! चलो ऐसा करते है की तुम उसे मत बताना और में उसे नहीं बताऊंगा की में यहाँ आया था और मैंने उसे देखा था ! और ये रख" मैंने उसे एक सों का नोट पकड़ते हुए कहा
पैसे देख कर उसकी आँखें चमक गयी ! वो मुझे चुप चाप पम्प हॉउस के पीछे ले गया वहां से हम अन्दर आ गए ! अन्दर थोड़ा अँधेरा था पर चलने लायक रोशनी थी उसने मुझे रुकने को कहा और अकेला ही आगे जाकर एक जगह मुड़ गया
कुछ देर में वो वापस आया तो हंस रहा था !
"क्या हुआ बड़ा मुस्कुरा रहा है "
"भाई कुछ देख ही ऐसा लिया ! सच में भाई बंदी पूरी माल है !
"ऐसा क्या हुआ " में अब उत्सुक था !
"भाई जैसे ही मैंने दरवाज़ा खोला तो सुन्दर भाई ने बंदी को दीवार से खड़ा किया हुआ था और उसकी साड़ी उठा कर उसे चोद रहे थे " उसका भी बुरा हाल था
"क्या ?....
"हां भाई दोनों चुचे हाथों में पकडे हुए थे और एक टांग सामने टेबल पर रख कर उसकी चूत मार रहे थे, जैसे ही में अन्दर गया मुझे देखते ही बंदी ने झट से उसको धक्का दे दिया और कहने लगी मैंने पहले ही कहा थ! यहाँ नहीं "
"फिर ??
"फिर क्या भाई ने मुझे डांट कर भगा दिया "
"यार मेरा भी जुगाड़ कर न देखने का " अब तो में रह नहीं पा रहा था !
"एक काम करो अन्दर कोई बिस्तर तो है नहीं और वो खड़े खड़े ही उसको चोद रहा है तो आप मेरे साथ ऊपर चलो ऊपर से एक जगह से थोड़ा बहुत दिख सकता है क्योंकि अब तो सुन्दर भाई ने दरवाज़ा अन्दर से बंद कर लिया है "
"चल जल्दी कर यार " मैंने जल्दी की
हम दोनों ऊपर सीड़ियों से गए और राजबीर ने मुझे एक जगह की तरफ इशारा करके जाने को कहा ! वो जगह थोड़ी तंग थी पर में वहां तक पहुच ही गया थोड़ी सी कोशिश की तो मुझे एक जगह दिख गयी जहाँ से नीचे का कुछ नज़ारा दिख सकता था ! में वह ध्यान से देखने लगा ! नीचे मुझे कुछ नहीं दिखा मैंने थोड़ी सी और कोशिश की तो मुझे सुन्दर दिखने लगा, सुन्दर ने सिर्फ एक टी शर्ट पहनी हुई थी और वो वहां से बाहर की तरफ देख रहा था उसने दरवाज़ा खोला और बाहर की तरफ गया तभी उसके पीछे सोनिया भी नज़र आयी ! वो भी बाहर जाने लगी पर उसने दुबारा अन्दर आके दरवाज़ा बंद कर दिया !
अब में उनकी आवाज़ सुन सकता था !
"देखो अब मुझे जाना है ! मैंने पहले ही कहा थ ए जगह सही नहीं है " सोनिया ने सुन्दर से नाराज़ होते हुए कहा !
"अरे तुम घबराओ मत ये कुछ नहीं कहेगा ! ये तुम्हे जानता भी नहीं है और ये वैसे भी लल्लू है इसको रात को एक पौवा दे दूंगा तो खुश हो जाएगा " सुन्दर ने अकाद से कहा !
"पर उसने कही अगर मुझे देख लिया तो यहाँ से मेरा घर है ही कितनी दूर " सोनिया ने घबराते हुए फिर कहा
"नहीं में उसको मन कर दूंगा "
"ठीक है में अब चलती हूं" सोनिया चलने लगी
"अभी इतनी जल्दी " सुन्दर ने सोनिया का हाथ पकड़ते हुए कहा
"और क्या एक बार तो कर ही चुके हो " सोनिया ने शरमाते हुए कहा
"तो क्या तुम यहाँ सिर्फ एक बार के लिए आयी हो"
"अगर जगह अच्छी होती तो बात और थी पर यहाँ पर तो सिर्फ खड़े होने की जगह है ??"
"अभी लो जान "
कह कर सुन्दर ने वहां रखे सामान को एक साइड किया और अपने हाथों से ही उस जगह को साफ़ कर दिया अब वहां इतनी जगह हो गयी थी की एक आदमी लेट सकता था
"ये लो जान अब लेट जाओ " सुन्दर ने सोनिया को अपनी तरफ खीचते हुए कहा
"ओह्हो ये तो सिर्फ एक आदमी के लायक जगह है "
"तो क्या हुआ तुम लेट जाओ वैसे भी तो मैंने तुम्हारे ऊपर ही लेटना है " सुन्दर ने सोनिया की गोलईयों को पकड़ते हुए कहा !
"अभी एक बार में मन नहीं भरा तुम्हारा " सोनिया ने शरारत से कहा
"तुम चीज़ ही ऐसी हो जान "
ऐसा कह कर सुन्दर ने सोनिया को अपनी तरफ खीच कर नीचे लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया अब ऊपर से सोनिया का चेहरा मुझे साफ़ दिख रहा था और सुन्दर की पीठ मेरी तरफ थी ! सुनदर एक बार तो सोनिया को खड़े खड़े ही चोद चूका था अब दूसरी बार लेटा कर पेलने की तैयारी में था ! ऊपर से द्रश्य बड़ा ही साफ़ दिख रहा था मेरा लंड भी बेकाबू था , सुनदर ने सोनिया के चुचे दबाना जारी रखा सोनिया ने भी सुन्दर के बालों को कस कर पकड़ लिया था ! अब सुनदर ने सोनिया का पल्लू नीचे कर दिया और उसके ब्लाउस के हुक खोलने लगा ! एक दो ........और तीन , चार सारे हुक खुल गए सोनिया की ब्रा चमक गयी सुन्दर ब्रा भी खोलने लगा पर सोनिया ने मन कर दिया शायद उसे डर था की कही फिर कोई न आ जाये ! सुन्दर भी कहा मानने वाला था ! उसने सोनिया की ब्रा ही ऊपर कर दी अब सोनिया के दोनों चुचे आज़ाद थे सुन्दर सोनिया के चुच मुह में ले कर चुसना शुरू कर दिया सोनिया अब मदहोश हो चुकी थी ! उसने सुन्दर को बुरी तरह जकड लिया था सुन्दर सोनिया के पुरे बदन पर हाथ फेरे जा रहा था कभी उसकी गदराई कमर पर हाथ फेरता कभी उसके कूल्हों को दबाता ! अब धीरे धीरे उसने सोनिया की साड़ी को ऊपर करना शुरू किया ! मेरी भी धड़कन तेज़ हो गयी मैंने भी अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाना शुरू कर दिया ! सोनिया की साड़ी उसके घुटने तक आ चुकी थी और सुन्दर का हाथ उसकी गोल गोल जांघों से खेल रहा था ! अब दोनों से नहीं रहा जा रहा था सुन्दर ने अबकी बार सोनिया की साड़ी पकड़ कर ऊपर खीच दी और सोनिया का निचला हिस्सा नंगा हो गया ! पर मुझे नंगा हिस्सा दिखाई नहीं दिया क्योंकि सुन्दर सोनिया के ऊपर था और में सिर्फ सोनिया की खुली हुई टाँगें दिख रही थी अब सुनदर ने लेटे लेटे हुए ही अपने लंड को पकड़ा और सोनिया की चूत पर फिट कर दिया ! फिर एक हल्ला सा धक्का लगाया सोनिया की ऑंखें बंद हो गयी और उसने सुन्दर को अपनी बाँहों में घेर लिया ! अब धीरे धीरे उसने अपना लंड और अन्दर घुसाया और पूरा लंड अन्दर बाड़ कर कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा ! सोनिया ने अपने हाथ उसकी गांड पर रख दिए और उसकी गांड को दबाने लगी अब तो सुन्दर ने अपना लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और धीरे - धीरे अपने धक्के बढाने लगा मुझे ऊपर से उनका मिशिनरी पोज़ दिख रहा था ! सुन्दर ने कम से कम पचास साठ झटके मारे होंगे तो उसने अपना लंड सोनिया की चूत से बाहर निकाल लिया ! फिर उसने सोनिया की दोनों टांगों को अंपने कंधे पर रखा और दुबारा से लंड को सोनिया की चूत में पेल दिया ! अब तो सोनिया की चूत की जड़ तक लंड जा रहा होगा ! सोनिया की भी आवाजें तेज़ होने लगी ! इसी पोज़ में चोदते हुए काफी देर हो गयी ! अब लगा की सुन्दर झड़ने वाला है क्योंकि कुछ धक्के लगा कर वो फिर थोड़ी देर के लिए रुक जाता और फिर से धक्के चालू कर देता ! तभी दरवाज़ा खुला और राजबीर फिर से अन्दर आ !
ये यहाँ क्या करने आ गया ? ......पर आश्चर्य इस बार सोनिया और सुन्दर को कोई फरक नहीं पड़ा ! वो उसी तरह से झटके पे झटके लगाये जा रहा था और सोनिया भी मस्ती से सुन्दर के दोनों कुल्हे को पकड़ कर जोर लगाये जा रही थी जैसे वो उसका लंड और अन्दर लेना चाहती हो !
राजबीर वही पास में बैठ गया और सोनिया को पिलते हुए देखने लगा ! सोनिया भी पुरे चरम पर थी और उस वक़्त उसको अपनी चूत से लंड निकलवाना नहीं था इसलिए उसने राजबीर को ज्यादा भाव नहीं दिया ! अब तो राजबीर को भी लगा की कोई टेंशन नहीं है पर मुझे लग रहा था कही वो बता न दे की में वहां पर चुप कर सब कुछ देख रहा हूँ ! अभी राजबीर ने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया और वो सोनिया को देख कर उसे जोर जोर से हिलाने लगा ! उसका भी काफी तंदरुस्त लंड था ! सोनिया ने एक नज़र उसके लंड की तरफ देखा और फिर से वो अपनी चुदाई में खो गयी ! सुन्दर के झटके अब तो बिलकुल उफान पर थे अब शायद उसका स्खलन होने वाला था ! सोनिया ने कस कर उसकी पीठ पर नाख़ून गड़ा लिए और सुन्दर से चिपक गयी
सोनिया का पानी निकल चूका था !
सुन्दर भी उसके बाद दस बारह झटकों में सोनिया की चूत के अन्दर ही ढेर हो गया ! और अपना लंड उसकी चूत में ही डाल कर ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा ! उधर राजबीर भी अपने लंड की पिचकारी सोनिया को दिखा कर निकाल चूका था ! हालाँकि राजबीर ने सिर्फ सोनिया के चुचे ही द्देखे थे क्योकि उसका निचे का हिस्सा नंगा तो नहीं था हाँ उसकी साड़ी ऊपर तक थी उसकी नंगी जांघें और उसके जमीन पर पड़े चूतडों का कुछ हिस्सा ही राजबीर की आँखों के सामने था और सोनिया की चूत के ऊपर तो सुन्दर था ही !
अब जब सब ख़तम हुआ तो सोनिया ने सुन्दर को अपने ऊपर से उठाया और अपनी साड़ी नीचे की अपने ब्रा को वापस ठीक किया और अपने ब्लाउस के हुक लगाने लगी ! फिर पता नहीं राजबीर ने उसे धीरे से कुछ कहा !जिस का उसने कुछ जवाब नहीं दिया ! वो खड़ी होकर अपनी साड़ी को ठीक करने लगी पसीने से सोनिया का बुरा हाल था सुनदर अपनी पेंट पहन चूका था सोनिया ने उससे कुछ कहा तो उसने अपना रुमाल सोनिया की तरफ बड़ा दिया ! सोनिया ने राजबीर से शायद बाहर जाने को कहा पर वो भी वही अड़ गया फिर सुन्दर के कहने पर वो बाहर गया तो सोनिया ने सुन्दर के रुमाल से अपनी साड़ी को उठा कर वही अपनी चूत में सुन्दर का माल साफ़ किया और रुमाल को वही फेंक कर वह से बाहर चली गयी ! सुन्दर भी उसके पीछे वहां से बाहर चला गया ! मैंने भी कुछ देर वही इंतज़ार किया और जब मुझे यकीं हो गया की अब वो जा चुके होंगे तो में भी वहां से नीचे उतर आया ! सुन्दर भी जा चूका था ! वहां सिर्फ राजबीर था !
मुझे देखते ही वो मेरे पास आ गया मैंने उसे फिर एक सौ का नोट पकड़ते हुए कहा की ये बात कभी किसी को पता नहीं चलनी चाहिए की में यहाँ आया था और मैंने सब कुछ देखा था !
अब मेरा एक सपना तो पूरा हुआ सोनिया को चुदते हुए देखने का पर उसमे भी कमी ये रह गयी की सोनिया को जल्दबाजी में चोदा गया था या फिर कपडे पहने हुए ! और सब कुछ दूर से देखना पड़ा था ! पर तब भी मज़ा तो बहुत आया था ! आदमी की इच्छाए कभी ख़तम नहीं होती एक मिलता है तो दूसरी की करने लगता है सोनिया दो दो मर्दों से चुद चुकी थी और वो भी तबियत से चुदी ! पर अब ये इच्छा हो रही थी काश एक बार वो पूरी नंगी घोड़ी बनकर या कोई और पोज़ में चुदे ताकि मुझे उसकी चूत में जाता लंड दिखे ! सोनिया भी किसी का लंड चुसे और जो कुछ में उसके साथ कर सकता हूँ वैसे ही कोई बिना डर के सोनिया के साथ कर सके !
शाम को में देर से घर आया ताकि सोनिया को शक न हो और वो निश्चिंत रहे की में अपने कहे टाइम पर ही वापस आता हूँ ! आज फिर वही था सोनिया के चाल ढाल से लग ही नहीं रहा था की आज भी वो दो बार चुद चुकी है ! हा ये जरुर था की उसके चेहरे पर आज कुछ ज्यादा ही चमक थी ! उसने आज एक ढीला सा कुरता और निचे से एक लॉन्ग स्कर्ट पहनी थी कुरते में उसके स्तन सीधे तने हुए लग रहे थे ! जैसे कुरता फाड़ कर बाहर आने को तैयार हों ! सच में इन दो दिनों की चुदाई में उसका रूप रंग काफी बदल गया था !
"और आज क्या क्या शोपिंग की मैडम ने " मैंने उसको किचन में जाते हुए पूछा !
"अरे कहाँ आज तो जैसे ही में बाज़ार जाने के लिए घर से निकली तो यहीं गली के बाहर मेरी एक पुरानी सहेली मिल गयी ! और हम इतने सालों के बाद मिले तो वो मुझे अपने घर ही ले गयी " सोनिया के झूठ में एक आत्मविश्वास था !
"अच्छा कौन थी " मैंने भी हार नहीं माननी थी !
"थी स्कुल टाइम की दोस्त तुम नहीं जानते , यही पास की कोलोनी में रहती है " उसने अपने झूठ को सच किया
"चलो अच्छा है तुम्हारा भी दिन का टाइम पास करने के लिए कोई तो मिला "
"और कल दिन का खाना भी उसकी के घर पर है उसने इतने जोर देकर कहा में मना नहीं कर सकी"
मतलब कल का दिन भी चुदाई का प्लान है इसका अरे यार कल में कैसे देख पाउँगा कल तो ऑफिस जाना जरुरी है आज तो वैसे भी छुट्टी हो गई है !
"हा हा क्यों नहीं जरुर जाओ"
बातें करते करते हमने खाना खाया और हम लेटे लेटे बातें करते रहे कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला
सुबह उठा तो सोनिया नहा कर फ्रेश थी चेहरे पर वही चमक, आज सोनिया जरुर अपनी चुदाई का प्लान बना चुकी होगी ! पर आज तीनो में से किसके साथ प्लान होगा अब तो विकास बचा है शायद आज वही हो !
में ऑफिस के लिए निकल पड़ा ! ऑफिस पहुच कर भी मन वही लगा हुआ था , काम में मन ही नहीं था ध्यान वही था की सोनिया अब क्या कर रही थी ! मैंने फोन किया तो वो अभी घर पर ही थी और दिन में अपनी सहेली (जो है ही नहीं) के घर जाना था ! मैंने उसे बता दिया था की जब भी जाये तो मुझे जरुर बता दे !
और दिन में सोनिया का फोन आया भी था बताने के लिए सच में मेरे दिल की धड़कन बड़ गयी थी ! मैंने अंदाज़ा लगाया सोनिया के घर से निकलने और पार्क तक पहुचने का टाइम और उसी दौरान मैंने फोन मिलाया तो उसने यही कहा अभी सहेली के घर जा ही रही हूँ और एड्रेस ढूंड रही हूँ ! मैंने जान बुझ कर उसकी हेल्प करने के इरादे से उसे बार बार फोन करता रहा ! मन तो कर रहा था की अभी छुट्टी करके वहां पहुच जाऊ ! पर मुश्किल था मेरे ऑफिस में न होते हुए बहुत नुक्सान हो सकता था !
आप मेरी हालत का अंदाजा लगा ही सकते हो, जिसको पता है की उसकी बीवी कहीं चुदाने जा रही है और में चाह कर भी उसको रोक नहीं पा रहा हूँ ! बस इच्छा ये हो रही थी की एक बार उसे फिर से चुदते हुए देख लूँ !
आखिरकार उसने बता ही दिया की वो अपनी दोस्त के यहाँ पहुच ही गयी है और यहाँ उसकी भी और सहेलियां है तो वो अभी फोन का जवाब नहीं दे सकेगी इसलिए यहाँ से फ्री होते ही वो मुझे फोन करेगी !
बस अब तो चुदाई शुरू हो चुकी होगी ! इस बार उसे कौन चोद रहा होगा कहाँ चोद रहा होगा वही पम्प हॉउस में या कहीं और कैसे चोद रहा होगा, कितने चोद रहे होंगे ! सोच सोच के मेरा लंड तन कर रह जाता बेचारा !
मैंने फोन मिलाया तो वो बंद था ! बस अब तो रज़िया फस गयी गुंडों में !
किसी तरह तीन घंटे बीते होंगे में लगातार सोनिया का फोन ट्राई करता रहा पर वो बंद मिला ! अचानक उसका फोन आया ! मैंने झट से उठा लिया और इस तरह से बात की में ज्यादा उत्सुक नहीं था !
" हेल्लो सोरी यहाँ थोड़ी सिग्नल की प्रॉब्लम है न इसलिए मैंने फोन ही बंद कर दिया था " सोनिया का पहला बहाना यही था !
"कोई बात नहीं जान मैंने फोन कोई मिलाया था तुन्हें " मैंने भी बहाना बनाया
"और यहाँ इतने दोस्तों के बीच में इतना मज़ा आ रहा था की वक्त का पता ही नहीं चला "
मेरा माथा ठनका इतने सारे! कही तीनो एक साथ तो नहीं चढ़ गए सोनिया पर ! पर तब भी मैंने पूछा
"इतने सारे मतलब "
"मतलब मीनू की और भी सहेलिया है न यहाँ पर " उसकी सहेली का नाम मीनू था
"अच्छा जान अब कब तक घर जा रही हो में भी अभी एक घंटे में घर पहुच रहा हूँ "
"आपके पहुचने से पहले में पहुच जाउंगी "
मैंने तय किया की घर जाने से पहले आज राजबीर से पार्क में मिलकर जरुर आना है ! उसे कुछ न कुछ जरुर पता होगा ! ऑफिस से निकल कर में सीधा पार्क में पहुच गया ! राजबीर को ज्यादा तलाश नहीं करना पड़ा वो वही पम्प हॉउस के पास बीडी पीता मिला ! मुझे देखते ही वही से मुस्कुराता हुआ मेरे पास आ गया ! मुझे उसकी मुस्कराहट को देख कर अपनी धड़कन बड़ती सी महसूस हुई ! न जाने क्या खबर होगी
"और मोहित साहब इस टाइम कैसे आना हुआ, अभी तो कोई नहीं है यहाँ !" उसने मुझे आँख मरते हुए कहा
"अरे यार में तुझसे मिलने नहीं आ सकता क्या " मैंने उसे मस्का लगाया !
"हा क्यों नहीं आ सकते साहब बताओ में क्या सेवा करूँ आपकी " उसे शायद मुझसे पैसों की उम्मीद थी
"कुछ नहीं यार जब से वो साड़ी वाली बंदी देखी है मेरा तो मुड ही ख़राब हो गया है ! हमेशा उसके ही सपने आ रहे है " मैंने अपना दुखड़ा रोया
"अरे ऐसा है तो सुन्दर भाई से बात कर के अपना भी जुगाड़ कर लो ना ! वो उसे यहीं बुला लेंगे "
"नहीं यार में नहीं चाहता की मुझे कोई गलत आदमी समझे में शादीशुदा हूँ यार "
"तो ये बात है तो फिर आप खुद उस से बात कर लो ना"
"कैसे करूँ यार मुझे तो पता भी नहीं वो कहाँ रहती है जो उससे अकेले में बात कर सकूँ "
"बस इतनी सी बात पहले बता देते तो में आज ही चुपचाप उससे बात कर लेता "
"क्या......? आज ......वो...वो आज भी आयी थी क्या ?? मुझे सुरसुराहट सी हुई !
"हाँ भाई आज तो और भी माल लग रही थी साली ! आज तो क़यामत थी "
"अच्छा और कौन लाया उसको आज "
"भाई आयी तो वो खुद ही थी ! पर गयी वो सुन्दर और विकास के साथ है "
"गयी मतलब" आज यहाँ कुछ नहीं किया उन्होंने "
"भाई पहले तो उनका प्रोग्राम बन गया था यही पिलाई करने का उसको अन्दर भी ले जा चुके थे और आज तो मैंने अपना गद्दा भी नीचे बिछा दिया था उनके लिए पर ना जाने क्यों वो कहीं और चले गए "
"अन्दर कितनी देर रहे वो "
"भाई सुन्दर और विकास उसे जब अन्दर ले गए तो में बाहर ही था ! अन्दर गया तो देखा दोनों उसे नंगी कर चुके थे ! और विकास भी पानी पेंट खोल रहा था ! " राजबीर के माथे पर पसीना था
"तो फिर आगे क्या हुआ, उन्होंने चोदा उसे "
"नहीं भाई मुझे देखते ही साली अपने कपडे पहनने लगी और नाराज़ हो गयी " उसे अफ़सोस था
"अच्छा क्या पूरी नंगी कर दिया था उसे " अब तो मुझे सब जानना था !
"भाई बिलकुल नंगी , एक कपडा नहीं था साली के बदन पर " उसकी गाली देने की अदा मुझे अच्छी लगी !
"और फिर "
"फिर क्या भाई साली रांड ने कपडे पहन लिए और जाने लगी , तो विकास ने उसे मनाया और कहीं फोन किया पता नहीं किसी को बुलाया था "
"किसको "
"पता नही भाई कुछ देर में एक काले शीशे वाली गाडी आयी थी उसमे पता नहीं कितने लोग थे पर ये तीनो उसमे चले गए "
"कहाँ चले गए "
"पता नहीं भाई पर वो जाना नहीं चाह रही थी उसे तो ज़बरदस्ती ले गए है , लगता है पैसे दो के दियें होंगे और चढ़ चार रहे होंगे तभी मना कर रही होगी " वो हँसा
"ज़बरदस्ती कैसे"
"भाई गाडी उन्होंने पार्क के गेट के पास लगा दी जैसे ही रांड बाहर निकली गाडी का दरवाज़ा खुला और पीछे से सुन्दर ने उसको धक्का देकर अन्दर डालना चाह तो उसने मना किया पर विकास ने उसको उठा कर गाड़ी में डाल दिया "
"अच्छा कोई मार पिटाई तो नहीं हुई ना " मुझे सोनिया की चिंता हुई !
"अरे नहीं भाई जब विकास ने उसको उठाया तो साली हंस रही थी "
"क्या पहना था उसने " मैंने कोतहुल से पूछा
" भाई वो कुछ ना पहने तो मस्त लगती है पर उस वक्त उसने सूट सलवार पहना था , सलवार भी बिलकुल बदन से चिपकी हुई थी पूरी गांड की शेप उसमे दिख रही थी !
"अच्छा फिर तुम्हे पता है वो उसे कहाँ ले गए "
"नहीं भाई पर सुन्दर भाई की बहुत जान पहचान है यहाँ किसी भी होटल या किसी नेता के बंगले पर जा सकता है वो कई बार घस्तियों को उसने कोहिनूर होटल में पेला है क्या पता वही ले गया हो उसको भी"
"चाल अच्छा में चलता हूँ ये रख और कोई खबर उस घस्ती के बारे में मिले तो बताना और हाँ मेरे बारें में किसी को पता नहीं चलाना चहिये ठीक है " मैंने राजबीर को एक सौ का नोट पकड़ते हुए कहा !
"नहीं चलेगा भाई पर एक बार मुझे भी जरुर दिलाना उस रांड की, साली की चूत का एक एक बोल्ट ढीला कर दूंगा !
"हा हा अब ठीक है "
यार क्या हुआ होगा आज सोनिया के साथ किस किस ने चोदा होगा, जब पम्प हॉउस में नंगी हो सकती है तो कमरे में तो क्या क्या किया होगा उसके साथ कितने लोग लेटे होंगे उसके ऊपर कहीं गाड़ी में ही तो नहीं चोदा होगा उसको ! सोच सोच के बुरा हाल था !
घर पंहुचा तो सोनिया अपनी नेट वाली मेक्सी पहन कर फ्रेश मुड में थी उसे देख कर नहीं लगा की उसका गेंग बेंग हुआ होगा क्या आज सोनिया की गांड भी मारी होगी पर उसकी चाल से तो कुछ भी पता नहीं चल रहा था ! मैंने अपने कपडे बदल कर बाथरूम में गया, वहां मैंने वाशिंग मशीन में उसकी पेंटी तलाश की, पेंटी बिलकुल सुखी हुई थी मतलब एक भी दाग नहीं था मतलब जब भी कमरे में रही बिना कपड़ों के रही और चूत को अच्छी तरह से धो कर पोंछ कर पेंटी पहनी थी !
बाहर उसके सूट सलवार भी बिलकुल क्लीन थे कोई सलवट नहीं कोई दाग नहीं, सच में एक मौका और खो गया उसको नंगी चुदती हुई देखने का !
दोस्तों आप भी सोच रहे होंगे की में सोनिया की चुदाई की बातें ना बता कर ऐसी बातें आप को क्यों बता रहा हूँ पर सच तो ये है के मैं भी चाहता था की सोनिया की चुदाई देख सकूँ पर जैसा जैसा मेरे साथ घटित होता गया था वैसा ही में आप लोगों को बताता चलूँगा !
"नहीं बस ऐसे ही आज छुट्टी थी तो सोचा थोड़ा घूम आऊं" मैंने उसे टरकाना चाहा
"चलो वहां पर बैठते है ! आप भी ठीक टाइम पर आये हो या फिर सुदर भाई ने आप को फोन करके बुलाया है " उसने आँख मारते हुए कहा !
"सुन्दर ने क्यों क्या हुआ " मैंने उससे सवाल किया !
"आप तो ऐसे कह रहे है जैसे आप को पता ही नहीं " उसने भी मुझसे सवाल किया
"नहीं सच में मैं कुछ नहीं जानता " मुझे कुछ शक सा हुआ !
"तो आप फिर इधर आओ पम्प हॉउस से दूर बैठते है " उसने मेरा हाथ पकड़ते हुए कहा !
"नहीं मुझे बता क्या हुआ " मैंने भी उसे धमकाया !
"चलो तो सही बताता हूं "
हम दोनों वही सामने एक बेंच पर बैठ गए में सुनने को बेताब था शक तो मुझे था
"वो ऐसा है साहब सुन्दर भाई एक जुगाड़ लाये है " उसने धेरे से कहा !
"क्या " में चौका !
"हा भाई एक मस्त सा जुगाड़ है मतलब एक बंदी लाये है ! और उसके साथ अन्दर है अभी"
"कैसी बंदी है मुझे भी बता " मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर पुछा !
"भाई मस्त है मत पूछ भरी भरी बदन वाली है ! देखते ही किसी का भी खड़ा हो जाये " उसने अपनी पेंट पर हाथ रगड़ते हुए कहा !
"अच्छा क्या पहना है उसने " मैंने उसे कुरेदा !
"भाई साड़ी पहन कर आई है ! और साड़ी भी ऐसी है की आधा शारीर तो नंगा ही चमक रहा है बहुत ज्यादा रेट लिए होंगे इसने "
मेरा शक यकीं में बदल गया अन्दर सोनिया ही थी चुदने की तड़प उसे यहाँ भी ले आयी !
"अच्छा यार मेरा एक काम करेगा मुझे यार एक बार देखना है की अन्दर क्या हो रहा है "
"नहीं सुन्दर भाई को पता चल गया तो बुरा मान जाएँगे"
"यार में भी तो सुन्दर भाई का ही दोस्त हूं न ! चलो ऐसा करते है की तुम उसे मत बताना और में उसे नहीं बताऊंगा की में यहाँ आया था और मैंने उसे देखा था ! और ये रख" मैंने उसे एक सों का नोट पकड़ते हुए कहा
पैसे देख कर उसकी आँखें चमक गयी ! वो मुझे चुप चाप पम्प हॉउस के पीछे ले गया वहां से हम अन्दर आ गए ! अन्दर थोड़ा अँधेरा था पर चलने लायक रोशनी थी उसने मुझे रुकने को कहा और अकेला ही आगे जाकर एक जगह मुड़ गया
कुछ देर में वो वापस आया तो हंस रहा था !
"क्या हुआ बड़ा मुस्कुरा रहा है "
"भाई कुछ देख ही ऐसा लिया ! सच में भाई बंदी पूरी माल है !
"ऐसा क्या हुआ " में अब उत्सुक था !
"भाई जैसे ही मैंने दरवाज़ा खोला तो सुन्दर भाई ने बंदी को दीवार से खड़ा किया हुआ था और उसकी साड़ी उठा कर उसे चोद रहे थे " उसका भी बुरा हाल था
"क्या ?....
"हां भाई दोनों चुचे हाथों में पकडे हुए थे और एक टांग सामने टेबल पर रख कर उसकी चूत मार रहे थे, जैसे ही में अन्दर गया मुझे देखते ही बंदी ने झट से उसको धक्का दे दिया और कहने लगी मैंने पहले ही कहा थ! यहाँ नहीं "
"फिर ??
"फिर क्या भाई ने मुझे डांट कर भगा दिया "
"यार मेरा भी जुगाड़ कर न देखने का " अब तो में रह नहीं पा रहा था !
"एक काम करो अन्दर कोई बिस्तर तो है नहीं और वो खड़े खड़े ही उसको चोद रहा है तो आप मेरे साथ ऊपर चलो ऊपर से एक जगह से थोड़ा बहुत दिख सकता है क्योंकि अब तो सुन्दर भाई ने दरवाज़ा अन्दर से बंद कर लिया है "
"चल जल्दी कर यार " मैंने जल्दी की
हम दोनों ऊपर सीड़ियों से गए और राजबीर ने मुझे एक जगह की तरफ इशारा करके जाने को कहा ! वो जगह थोड़ी तंग थी पर में वहां तक पहुच ही गया थोड़ी सी कोशिश की तो मुझे एक जगह दिख गयी जहाँ से नीचे का कुछ नज़ारा दिख सकता था ! में वह ध्यान से देखने लगा ! नीचे मुझे कुछ नहीं दिखा मैंने थोड़ी सी और कोशिश की तो मुझे सुन्दर दिखने लगा, सुन्दर ने सिर्फ एक टी शर्ट पहनी हुई थी और वो वहां से बाहर की तरफ देख रहा था उसने दरवाज़ा खोला और बाहर की तरफ गया तभी उसके पीछे सोनिया भी नज़र आयी ! वो भी बाहर जाने लगी पर उसने दुबारा अन्दर आके दरवाज़ा बंद कर दिया !
अब में उनकी आवाज़ सुन सकता था !
"देखो अब मुझे जाना है ! मैंने पहले ही कहा थ ए जगह सही नहीं है " सोनिया ने सुन्दर से नाराज़ होते हुए कहा !
"अरे तुम घबराओ मत ये कुछ नहीं कहेगा ! ये तुम्हे जानता भी नहीं है और ये वैसे भी लल्लू है इसको रात को एक पौवा दे दूंगा तो खुश हो जाएगा " सुन्दर ने अकाद से कहा !
"पर उसने कही अगर मुझे देख लिया तो यहाँ से मेरा घर है ही कितनी दूर " सोनिया ने घबराते हुए फिर कहा
"नहीं में उसको मन कर दूंगा "
"ठीक है में अब चलती हूं" सोनिया चलने लगी
"अभी इतनी जल्दी " सुन्दर ने सोनिया का हाथ पकड़ते हुए कहा
"और क्या एक बार तो कर ही चुके हो " सोनिया ने शरमाते हुए कहा
"तो क्या तुम यहाँ सिर्फ एक बार के लिए आयी हो"
"अगर जगह अच्छी होती तो बात और थी पर यहाँ पर तो सिर्फ खड़े होने की जगह है ??"
"अभी लो जान "
कह कर सुन्दर ने वहां रखे सामान को एक साइड किया और अपने हाथों से ही उस जगह को साफ़ कर दिया अब वहां इतनी जगह हो गयी थी की एक आदमी लेट सकता था
"ये लो जान अब लेट जाओ " सुन्दर ने सोनिया को अपनी तरफ खीचते हुए कहा
"ओह्हो ये तो सिर्फ एक आदमी के लायक जगह है "
"तो क्या हुआ तुम लेट जाओ वैसे भी तो मैंने तुम्हारे ऊपर ही लेटना है " सुन्दर ने सोनिया की गोलईयों को पकड़ते हुए कहा !
"अभी एक बार में मन नहीं भरा तुम्हारा " सोनिया ने शरारत से कहा
"तुम चीज़ ही ऐसी हो जान "
ऐसा कह कर सुन्दर ने सोनिया को अपनी तरफ खीच कर नीचे लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया अब ऊपर से सोनिया का चेहरा मुझे साफ़ दिख रहा था और सुन्दर की पीठ मेरी तरफ थी ! सुनदर एक बार तो सोनिया को खड़े खड़े ही चोद चूका था अब दूसरी बार लेटा कर पेलने की तैयारी में था ! ऊपर से द्रश्य बड़ा ही साफ़ दिख रहा था मेरा लंड भी बेकाबू था , सुनदर ने सोनिया के चुचे दबाना जारी रखा सोनिया ने भी सुन्दर के बालों को कस कर पकड़ लिया था ! अब सुनदर ने सोनिया का पल्लू नीचे कर दिया और उसके ब्लाउस के हुक खोलने लगा ! एक दो ........और तीन , चार सारे हुक खुल गए सोनिया की ब्रा चमक गयी सुन्दर ब्रा भी खोलने लगा पर सोनिया ने मन कर दिया शायद उसे डर था की कही फिर कोई न आ जाये ! सुन्दर भी कहा मानने वाला था ! उसने सोनिया की ब्रा ही ऊपर कर दी अब सोनिया के दोनों चुचे आज़ाद थे सुन्दर सोनिया के चुच मुह में ले कर चुसना शुरू कर दिया सोनिया अब मदहोश हो चुकी थी ! उसने सुन्दर को बुरी तरह जकड लिया था सुन्दर सोनिया के पुरे बदन पर हाथ फेरे जा रहा था कभी उसकी गदराई कमर पर हाथ फेरता कभी उसके कूल्हों को दबाता ! अब धीरे धीरे उसने सोनिया की साड़ी को ऊपर करना शुरू किया ! मेरी भी धड़कन तेज़ हो गयी मैंने भी अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाना शुरू कर दिया ! सोनिया की साड़ी उसके घुटने तक आ चुकी थी और सुन्दर का हाथ उसकी गोल गोल जांघों से खेल रहा था ! अब दोनों से नहीं रहा जा रहा था सुन्दर ने अबकी बार सोनिया की साड़ी पकड़ कर ऊपर खीच दी और सोनिया का निचला हिस्सा नंगा हो गया ! पर मुझे नंगा हिस्सा दिखाई नहीं दिया क्योंकि सुन्दर सोनिया के ऊपर था और में सिर्फ सोनिया की खुली हुई टाँगें दिख रही थी अब सुनदर ने लेटे लेटे हुए ही अपने लंड को पकड़ा और सोनिया की चूत पर फिट कर दिया ! फिर एक हल्ला सा धक्का लगाया सोनिया की ऑंखें बंद हो गयी और उसने सुन्दर को अपनी बाँहों में घेर लिया ! अब धीरे धीरे उसने अपना लंड और अन्दर घुसाया और पूरा लंड अन्दर बाड़ कर कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा ! सोनिया ने अपने हाथ उसकी गांड पर रख दिए और उसकी गांड को दबाने लगी अब तो सुन्दर ने अपना लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और धीरे - धीरे अपने धक्के बढाने लगा मुझे ऊपर से उनका मिशिनरी पोज़ दिख रहा था ! सुन्दर ने कम से कम पचास साठ झटके मारे होंगे तो उसने अपना लंड सोनिया की चूत से बाहर निकाल लिया ! फिर उसने सोनिया की दोनों टांगों को अंपने कंधे पर रखा और दुबारा से लंड को सोनिया की चूत में पेल दिया ! अब तो सोनिया की चूत की जड़ तक लंड जा रहा होगा ! सोनिया की भी आवाजें तेज़ होने लगी ! इसी पोज़ में चोदते हुए काफी देर हो गयी ! अब लगा की सुन्दर झड़ने वाला है क्योंकि कुछ धक्के लगा कर वो फिर थोड़ी देर के लिए रुक जाता और फिर से धक्के चालू कर देता ! तभी दरवाज़ा खुला और राजबीर फिर से अन्दर आ !
ये यहाँ क्या करने आ गया ? ......पर आश्चर्य इस बार सोनिया और सुन्दर को कोई फरक नहीं पड़ा ! वो उसी तरह से झटके पे झटके लगाये जा रहा था और सोनिया भी मस्ती से सुन्दर के दोनों कुल्हे को पकड़ कर जोर लगाये जा रही थी जैसे वो उसका लंड और अन्दर लेना चाहती हो !
राजबीर वही पास में बैठ गया और सोनिया को पिलते हुए देखने लगा ! सोनिया भी पुरे चरम पर थी और उस वक़्त उसको अपनी चूत से लंड निकलवाना नहीं था इसलिए उसने राजबीर को ज्यादा भाव नहीं दिया ! अब तो राजबीर को भी लगा की कोई टेंशन नहीं है पर मुझे लग रहा था कही वो बता न दे की में वहां पर चुप कर सब कुछ देख रहा हूँ ! अभी राजबीर ने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया और वो सोनिया को देख कर उसे जोर जोर से हिलाने लगा ! उसका भी काफी तंदरुस्त लंड था ! सोनिया ने एक नज़र उसके लंड की तरफ देखा और फिर से वो अपनी चुदाई में खो गयी ! सुन्दर के झटके अब तो बिलकुल उफान पर थे अब शायद उसका स्खलन होने वाला था ! सोनिया ने कस कर उसकी पीठ पर नाख़ून गड़ा लिए और सुन्दर से चिपक गयी
सोनिया का पानी निकल चूका था !
सुन्दर भी उसके बाद दस बारह झटकों में सोनिया की चूत के अन्दर ही ढेर हो गया ! और अपना लंड उसकी चूत में ही डाल कर ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा ! उधर राजबीर भी अपने लंड की पिचकारी सोनिया को दिखा कर निकाल चूका था ! हालाँकि राजबीर ने सिर्फ सोनिया के चुचे ही द्देखे थे क्योकि उसका निचे का हिस्सा नंगा तो नहीं था हाँ उसकी साड़ी ऊपर तक थी उसकी नंगी जांघें और उसके जमीन पर पड़े चूतडों का कुछ हिस्सा ही राजबीर की आँखों के सामने था और सोनिया की चूत के ऊपर तो सुन्दर था ही !
अब जब सब ख़तम हुआ तो सोनिया ने सुन्दर को अपने ऊपर से उठाया और अपनी साड़ी नीचे की अपने ब्रा को वापस ठीक किया और अपने ब्लाउस के हुक लगाने लगी ! फिर पता नहीं राजबीर ने उसे धीरे से कुछ कहा !जिस का उसने कुछ जवाब नहीं दिया ! वो खड़ी होकर अपनी साड़ी को ठीक करने लगी पसीने से सोनिया का बुरा हाल था सुनदर अपनी पेंट पहन चूका था सोनिया ने उससे कुछ कहा तो उसने अपना रुमाल सोनिया की तरफ बड़ा दिया ! सोनिया ने राजबीर से शायद बाहर जाने को कहा पर वो भी वही अड़ गया फिर सुन्दर के कहने पर वो बाहर गया तो सोनिया ने सुन्दर के रुमाल से अपनी साड़ी को उठा कर वही अपनी चूत में सुन्दर का माल साफ़ किया और रुमाल को वही फेंक कर वह से बाहर चली गयी ! सुन्दर भी उसके पीछे वहां से बाहर चला गया ! मैंने भी कुछ देर वही इंतज़ार किया और जब मुझे यकीं हो गया की अब वो जा चुके होंगे तो में भी वहां से नीचे उतर आया ! सुन्दर भी जा चूका था ! वहां सिर्फ राजबीर था !
मुझे देखते ही वो मेरे पास आ गया मैंने उसे फिर एक सौ का नोट पकड़ते हुए कहा की ये बात कभी किसी को पता नहीं चलनी चाहिए की में यहाँ आया था और मैंने सब कुछ देखा था !
अब मेरा एक सपना तो पूरा हुआ सोनिया को चुदते हुए देखने का पर उसमे भी कमी ये रह गयी की सोनिया को जल्दबाजी में चोदा गया था या फिर कपडे पहने हुए ! और सब कुछ दूर से देखना पड़ा था ! पर तब भी मज़ा तो बहुत आया था ! आदमी की इच्छाए कभी ख़तम नहीं होती एक मिलता है तो दूसरी की करने लगता है सोनिया दो दो मर्दों से चुद चुकी थी और वो भी तबियत से चुदी ! पर अब ये इच्छा हो रही थी काश एक बार वो पूरी नंगी घोड़ी बनकर या कोई और पोज़ में चुदे ताकि मुझे उसकी चूत में जाता लंड दिखे ! सोनिया भी किसी का लंड चुसे और जो कुछ में उसके साथ कर सकता हूँ वैसे ही कोई बिना डर के सोनिया के साथ कर सके !
शाम को में देर से घर आया ताकि सोनिया को शक न हो और वो निश्चिंत रहे की में अपने कहे टाइम पर ही वापस आता हूँ ! आज फिर वही था सोनिया के चाल ढाल से लग ही नहीं रहा था की आज भी वो दो बार चुद चुकी है ! हा ये जरुर था की उसके चेहरे पर आज कुछ ज्यादा ही चमक थी ! उसने आज एक ढीला सा कुरता और निचे से एक लॉन्ग स्कर्ट पहनी थी कुरते में उसके स्तन सीधे तने हुए लग रहे थे ! जैसे कुरता फाड़ कर बाहर आने को तैयार हों ! सच में इन दो दिनों की चुदाई में उसका रूप रंग काफी बदल गया था !
"और आज क्या क्या शोपिंग की मैडम ने " मैंने उसको किचन में जाते हुए पूछा !
"अरे कहाँ आज तो जैसे ही में बाज़ार जाने के लिए घर से निकली तो यहीं गली के बाहर मेरी एक पुरानी सहेली मिल गयी ! और हम इतने सालों के बाद मिले तो वो मुझे अपने घर ही ले गयी " सोनिया के झूठ में एक आत्मविश्वास था !
"अच्छा कौन थी " मैंने भी हार नहीं माननी थी !
"थी स्कुल टाइम की दोस्त तुम नहीं जानते , यही पास की कोलोनी में रहती है " उसने अपने झूठ को सच किया
"चलो अच्छा है तुम्हारा भी दिन का टाइम पास करने के लिए कोई तो मिला "
"और कल दिन का खाना भी उसकी के घर पर है उसने इतने जोर देकर कहा में मना नहीं कर सकी"
मतलब कल का दिन भी चुदाई का प्लान है इसका अरे यार कल में कैसे देख पाउँगा कल तो ऑफिस जाना जरुरी है आज तो वैसे भी छुट्टी हो गई है !
"हा हा क्यों नहीं जरुर जाओ"
बातें करते करते हमने खाना खाया और हम लेटे लेटे बातें करते रहे कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला
सुबह उठा तो सोनिया नहा कर फ्रेश थी चेहरे पर वही चमक, आज सोनिया जरुर अपनी चुदाई का प्लान बना चुकी होगी ! पर आज तीनो में से किसके साथ प्लान होगा अब तो विकास बचा है शायद आज वही हो !
में ऑफिस के लिए निकल पड़ा ! ऑफिस पहुच कर भी मन वही लगा हुआ था , काम में मन ही नहीं था ध्यान वही था की सोनिया अब क्या कर रही थी ! मैंने फोन किया तो वो अभी घर पर ही थी और दिन में अपनी सहेली (जो है ही नहीं) के घर जाना था ! मैंने उसे बता दिया था की जब भी जाये तो मुझे जरुर बता दे !
और दिन में सोनिया का फोन आया भी था बताने के लिए सच में मेरे दिल की धड़कन बड़ गयी थी ! मैंने अंदाज़ा लगाया सोनिया के घर से निकलने और पार्क तक पहुचने का टाइम और उसी दौरान मैंने फोन मिलाया तो उसने यही कहा अभी सहेली के घर जा ही रही हूँ और एड्रेस ढूंड रही हूँ ! मैंने जान बुझ कर उसकी हेल्प करने के इरादे से उसे बार बार फोन करता रहा ! मन तो कर रहा था की अभी छुट्टी करके वहां पहुच जाऊ ! पर मुश्किल था मेरे ऑफिस में न होते हुए बहुत नुक्सान हो सकता था !
आप मेरी हालत का अंदाजा लगा ही सकते हो, जिसको पता है की उसकी बीवी कहीं चुदाने जा रही है और में चाह कर भी उसको रोक नहीं पा रहा हूँ ! बस इच्छा ये हो रही थी की एक बार उसे फिर से चुदते हुए देख लूँ !
आखिरकार उसने बता ही दिया की वो अपनी दोस्त के यहाँ पहुच ही गयी है और यहाँ उसकी भी और सहेलियां है तो वो अभी फोन का जवाब नहीं दे सकेगी इसलिए यहाँ से फ्री होते ही वो मुझे फोन करेगी !
बस अब तो चुदाई शुरू हो चुकी होगी ! इस बार उसे कौन चोद रहा होगा कहाँ चोद रहा होगा वही पम्प हॉउस में या कहीं और कैसे चोद रहा होगा, कितने चोद रहे होंगे ! सोच सोच के मेरा लंड तन कर रह जाता बेचारा !
मैंने फोन मिलाया तो वो बंद था ! बस अब तो रज़िया फस गयी गुंडों में !
किसी तरह तीन घंटे बीते होंगे में लगातार सोनिया का फोन ट्राई करता रहा पर वो बंद मिला ! अचानक उसका फोन आया ! मैंने झट से उठा लिया और इस तरह से बात की में ज्यादा उत्सुक नहीं था !
" हेल्लो सोरी यहाँ थोड़ी सिग्नल की प्रॉब्लम है न इसलिए मैंने फोन ही बंद कर दिया था " सोनिया का पहला बहाना यही था !
"कोई बात नहीं जान मैंने फोन कोई मिलाया था तुन्हें " मैंने भी बहाना बनाया
"और यहाँ इतने दोस्तों के बीच में इतना मज़ा आ रहा था की वक्त का पता ही नहीं चला "
मेरा माथा ठनका इतने सारे! कही तीनो एक साथ तो नहीं चढ़ गए सोनिया पर ! पर तब भी मैंने पूछा
"इतने सारे मतलब "
"मतलब मीनू की और भी सहेलिया है न यहाँ पर " उसकी सहेली का नाम मीनू था
"अच्छा जान अब कब तक घर जा रही हो में भी अभी एक घंटे में घर पहुच रहा हूँ "
"आपके पहुचने से पहले में पहुच जाउंगी "
मैंने तय किया की घर जाने से पहले आज राजबीर से पार्क में मिलकर जरुर आना है ! उसे कुछ न कुछ जरुर पता होगा ! ऑफिस से निकल कर में सीधा पार्क में पहुच गया ! राजबीर को ज्यादा तलाश नहीं करना पड़ा वो वही पम्प हॉउस के पास बीडी पीता मिला ! मुझे देखते ही वही से मुस्कुराता हुआ मेरे पास आ गया ! मुझे उसकी मुस्कराहट को देख कर अपनी धड़कन बड़ती सी महसूस हुई ! न जाने क्या खबर होगी
"और मोहित साहब इस टाइम कैसे आना हुआ, अभी तो कोई नहीं है यहाँ !" उसने मुझे आँख मरते हुए कहा
"अरे यार में तुझसे मिलने नहीं आ सकता क्या " मैंने उसे मस्का लगाया !
"हा क्यों नहीं आ सकते साहब बताओ में क्या सेवा करूँ आपकी " उसे शायद मुझसे पैसों की उम्मीद थी
"कुछ नहीं यार जब से वो साड़ी वाली बंदी देखी है मेरा तो मुड ही ख़राब हो गया है ! हमेशा उसके ही सपने आ रहे है " मैंने अपना दुखड़ा रोया
"अरे ऐसा है तो सुन्दर भाई से बात कर के अपना भी जुगाड़ कर लो ना ! वो उसे यहीं बुला लेंगे "
"नहीं यार में नहीं चाहता की मुझे कोई गलत आदमी समझे में शादीशुदा हूँ यार "
"तो ये बात है तो फिर आप खुद उस से बात कर लो ना"
"कैसे करूँ यार मुझे तो पता भी नहीं वो कहाँ रहती है जो उससे अकेले में बात कर सकूँ "
"बस इतनी सी बात पहले बता देते तो में आज ही चुपचाप उससे बात कर लेता "
"क्या......? आज ......वो...वो आज भी आयी थी क्या ?? मुझे सुरसुराहट सी हुई !
"हाँ भाई आज तो और भी माल लग रही थी साली ! आज तो क़यामत थी "
"अच्छा और कौन लाया उसको आज "
"भाई आयी तो वो खुद ही थी ! पर गयी वो सुन्दर और विकास के साथ है "
"गयी मतलब" आज यहाँ कुछ नहीं किया उन्होंने "
"भाई पहले तो उनका प्रोग्राम बन गया था यही पिलाई करने का उसको अन्दर भी ले जा चुके थे और आज तो मैंने अपना गद्दा भी नीचे बिछा दिया था उनके लिए पर ना जाने क्यों वो कहीं और चले गए "
"अन्दर कितनी देर रहे वो "
"भाई सुन्दर और विकास उसे जब अन्दर ले गए तो में बाहर ही था ! अन्दर गया तो देखा दोनों उसे नंगी कर चुके थे ! और विकास भी पानी पेंट खोल रहा था ! " राजबीर के माथे पर पसीना था
"तो फिर आगे क्या हुआ, उन्होंने चोदा उसे "
"नहीं भाई मुझे देखते ही साली अपने कपडे पहनने लगी और नाराज़ हो गयी " उसे अफ़सोस था
"अच्छा क्या पूरी नंगी कर दिया था उसे " अब तो मुझे सब जानना था !
"भाई बिलकुल नंगी , एक कपडा नहीं था साली के बदन पर " उसकी गाली देने की अदा मुझे अच्छी लगी !
"और फिर "
"फिर क्या भाई साली रांड ने कपडे पहन लिए और जाने लगी , तो विकास ने उसे मनाया और कहीं फोन किया पता नहीं किसी को बुलाया था "
"किसको "
"पता नही भाई कुछ देर में एक काले शीशे वाली गाडी आयी थी उसमे पता नहीं कितने लोग थे पर ये तीनो उसमे चले गए "
"कहाँ चले गए "
"पता नहीं भाई पर वो जाना नहीं चाह रही थी उसे तो ज़बरदस्ती ले गए है , लगता है पैसे दो के दियें होंगे और चढ़ चार रहे होंगे तभी मना कर रही होगी " वो हँसा
"ज़बरदस्ती कैसे"
"भाई गाडी उन्होंने पार्क के गेट के पास लगा दी जैसे ही रांड बाहर निकली गाडी का दरवाज़ा खुला और पीछे से सुन्दर ने उसको धक्का देकर अन्दर डालना चाह तो उसने मना किया पर विकास ने उसको उठा कर गाड़ी में डाल दिया "
"अच्छा कोई मार पिटाई तो नहीं हुई ना " मुझे सोनिया की चिंता हुई !
"अरे नहीं भाई जब विकास ने उसको उठाया तो साली हंस रही थी "
"क्या पहना था उसने " मैंने कोतहुल से पूछा
" भाई वो कुछ ना पहने तो मस्त लगती है पर उस वक्त उसने सूट सलवार पहना था , सलवार भी बिलकुल बदन से चिपकी हुई थी पूरी गांड की शेप उसमे दिख रही थी !
"अच्छा फिर तुम्हे पता है वो उसे कहाँ ले गए "
"नहीं भाई पर सुन्दर भाई की बहुत जान पहचान है यहाँ किसी भी होटल या किसी नेता के बंगले पर जा सकता है वो कई बार घस्तियों को उसने कोहिनूर होटल में पेला है क्या पता वही ले गया हो उसको भी"
"चाल अच्छा में चलता हूँ ये रख और कोई खबर उस घस्ती के बारे में मिले तो बताना और हाँ मेरे बारें में किसी को पता नहीं चलाना चहिये ठीक है " मैंने राजबीर को एक सौ का नोट पकड़ते हुए कहा !
"नहीं चलेगा भाई पर एक बार मुझे भी जरुर दिलाना उस रांड की, साली की चूत का एक एक बोल्ट ढीला कर दूंगा !
"हा हा अब ठीक है "
यार क्या हुआ होगा आज सोनिया के साथ किस किस ने चोदा होगा, जब पम्प हॉउस में नंगी हो सकती है तो कमरे में तो क्या क्या किया होगा उसके साथ कितने लोग लेटे होंगे उसके ऊपर कहीं गाड़ी में ही तो नहीं चोदा होगा उसको ! सोच सोच के बुरा हाल था !
घर पंहुचा तो सोनिया अपनी नेट वाली मेक्सी पहन कर फ्रेश मुड में थी उसे देख कर नहीं लगा की उसका गेंग बेंग हुआ होगा क्या आज सोनिया की गांड भी मारी होगी पर उसकी चाल से तो कुछ भी पता नहीं चल रहा था ! मैंने अपने कपडे बदल कर बाथरूम में गया, वहां मैंने वाशिंग मशीन में उसकी पेंटी तलाश की, पेंटी बिलकुल सुखी हुई थी मतलब एक भी दाग नहीं था मतलब जब भी कमरे में रही बिना कपड़ों के रही और चूत को अच्छी तरह से धो कर पोंछ कर पेंटी पहनी थी !
बाहर उसके सूट सलवार भी बिलकुल क्लीन थे कोई सलवट नहीं कोई दाग नहीं, सच में एक मौका और खो गया उसको नंगी चुदती हुई देखने का !
दोस्तों आप भी सोच रहे होंगे की में सोनिया की चुदाई की बातें ना बता कर ऐसी बातें आप को क्यों बता रहा हूँ पर सच तो ये है के मैं भी चाहता था की सोनिया की चुदाई देख सकूँ पर जैसा जैसा मेरे साथ घटित होता गया था वैसा ही में आप लोगों को बताता चलूँगा !
Contd...
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